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गया के बाराचट्टी में बालू माफियाओं का तांडव। अवैध खनन रोकने पहुंचे वन विभाग के रेंजर पर जानलेवा हमला।

गया जी

गयाजी- गया जिले के बाराचट्टी प्रखंड में अवैध बालू खनन को लेकर माफियाओं के हौसले लगातार बुलंद होते जा रहे हैं। अब स्थिति यह है कि सरकारी अफसर भी इनके निशाने पर हैं। रविवार तड़के बाराचट्टी थाना क्षेत्र के भलुआ इलाके में बालू माफियाओं ने वन विभाग के रेंजर अरविंद कुमार पर जानलेवा हमला कर दिया। पत्थरबाजी में रेंजर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाराचट्टी में भर्ती कराया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार, वन विभाग के रेंजर अरविंद कुमार को भलुआ क्षेत्र में अवैध बालू खनन की सूचना मिली थी। सूचना के सत्यापन एवं आवश्यक कार्रवाई के लिए वे अपने विभागीय दल के साथ रविवार सुबह करीब पांच बजे गश्त पर निकले थे। इसी दौरान एक ट्रैक्टर बालू लादकर जाते हुए दिखाई दिया। रेंजर ने ट्रैक्टर को रुकवाया और चालक से पूछताछ शुरू की। इसी बीच अचानक 25 से 30 की संख्या में पहुंचे बालू माफियाओं ने रेंजर और उनकी टीम को चारों ओर से घेर लिया। देखते ही देखते माफियाओं ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस दौरान एक बड़ा पत्थर रेंजर अरविंद कुमार के सिर पर जा लगा, जिससे वे गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े। मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इसी का फायदा उठाकर ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया। वन विभाग की टीम के अन्य कर्मियों ने किसी तरह स्थिति को संभालते हुए घायल रेंजर को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया और तत्काल इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बाराचट्टी ले जाया गया। चिकित्सकों के अनुसार रेंजर के सिर में गंभीर चोट आई है, हालांकि फिलहाल उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। घायल रेंजर अरविंद कुमार ने बताया कि पूरे मामले को लेकर थाना में लिखित शिकायत दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अवैध बालू खनन के खिलाफ कार्रवाई करने पर माफिया खुलेआम हमला कर रहे हैं, जो कानून-व्यवस्था के लिए बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति है। इधर, बाराचट्टी थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर अमरेंद्र किशोर ने बताया कि वन विभाग के रेंजर पर हमले की सूचना मिली है। पुलिस टीम मौके पर पहुंचकर मामले की जांच कर रही है। फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है, लेकिन संदिग्धों की पहचान कर छापेमारी की जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब तक थाने में इस संबंध में कोई लिखित आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है। घटना के बाद वन विभाग के कर्मियों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं इलाके में अवैध बालू खनन को लेकर आम लोगों में भी रोष व्याप्त है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर समय रहते बालू माफियाओं पर सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो हालात और भी गंभीर हो सकते हैं।

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