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राज्यसभा सीट को लेकर मांझी का अल्टीमेटम, एनडीए में बढ़ी सियासी बेचैनी।

पटना

पटना – आगामी राज्यसभा चुनावों को लेकर बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए खुले मंच से अपनी पार्टी के लिए राज्यसभा सीट की मांग की है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि यदि गठबंधन में उनके साथ किसी तरह का “धोखा” या “बेईमानी” की गई, तो वे चुप नहीं बैठेंगे।जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। खासकर ऐसे समय में, जब वे पहले वोट चोरी के मामले को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं, उनका राज्यसभा को लेकर आक्रामक तेवर सत्तारूढ़ गठबंधन के भीतर दबाव की राजनीति के तौर पर देखा जा रहा है। मांझी के बयान पर विपक्ष ने भी हमला तेज कर दिया है। जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद के प्रवक्ता एजाज अहमद ने एनडीए पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि एनडीए पूरी तरह सत्ता और स्वार्थ की राजनीति करने वाला गठबंधन है, जहां सहयोगी दलों के साथ केवल जरूरत के हिसाब से व्यवहार किया जाता है। एजाज अहमद ने जीतन राम मांझी के सवालों को उठाते हुए कहा कि मांझी यह कह रहे हैं कि यदि उन्हें या उनके पुत्र को राज्यसभा की सीट नहीं दी गई तो वे इस्तीफा देने की चेतावनी दे रहे हैं। उन्होंने यह भी सवाल खड़ा किया कि क्या एनडीए अपने सहयोगी उपेंद्र कुशवाहा से किए गए राज्यसभा सीट के वादे को पूरा करेगा या नहीं। राजद प्रवक्ता ने कहा कि एनडीए के भीतर सहयोगी दलों में असंतोष लगातार बढ़ रहा है और राज्यसभा चुनाव को लेकर उठ रही आवाजें उसी का संकेत हैं। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में एनडीए के अंदर खींचतान और तेज होगी। फिलहाल जीतन राम मांझी के इस सख्त रुख से एनडीए की रणनीति पर सवाल खड़े हो गए हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्यसभा चुनाव से पहले गठबंधन में सहमति बनती है या राजनीतिक टकराव और बढ़ता है।

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