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श्रृंगी ऋषि धाम के विकास को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में श्रमदान, कई अहम निर्देश जारी।

लखीसराय

लखीसराय – जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में रविवार को प्रसिद्ध धार्मिक स्थल श्रृंगी ऋषि धाम में श्रमदान एवं विकास कार्यों को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण बैठक एवं स्थल निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त (डीडीसी) सुमित कुमार, वरीय उपसमाहर्ता शशि कुमार, डायरेक्टर नीरज कुमार, बीडीओ सूर्यगढ़ा, पीओ सूर्यगढ़ा सहित भवन निर्माण विभाग के अभियंता उपस्थित रहे।

डीडीसी सुमित कुमार ने कहा कि श्रृंगी ऋषि धाम आज स्वच्छता और धार्मिक आस्था के कारण लखीसराय जिले में एक विस्तृत एवं चर्चित धार्मिक स्थल के रूप में पहचान बना चुका है। इसका इतिहास वर्षों पुराना है और यह स्थल अब जिले में अशोक धाम के बाद दूसरा प्रमुख धार्मिक केंद्र बन चुका है। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि धाम परिसर में साबुन और शैम्पू के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, ताकि जल स्रोत और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सके। साथ ही निम्न स्तर के प्लास्टिक उपयोग पर भी रोक लगाने का निर्देश दिया गया। वही आने वाले महिलाओं की सुरक्षा और व्यवस्था पर भी ध्यान देने की बात की। इसके अलावा दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि वे कचरा इधर-उधर न फैलाएं और निर्धारित स्थान पर ही कचरा निस्तारण करें। इसके अलावा धाम परिसर में स्थित पुराने मकान को खाली कराने, श्रृंगी ऋषि की मूर्ति स्थापना के लिए उपयुक्त स्थान तय करने तथा विकास कार्यों की दिशा तय करने को लेकर भी विस्तृत चर्चा हुई। प्रशासनिक जिम्मेदारी सकलदेव को सौंपी गई, जबकि विकास कार्यों के लिए अलग-अलग कमेटियों का गठन कर उन्हें स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने मंदिर के पंडितों को भी निर्देश दिया कि दान-दक्षिणा की राशि और प्रक्रिया को पारदर्शी एवं निश्चित किया जाए, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।जिलाधिकारी ने कहा कि श्रृंगी ऋषि धाम के विकास को

लेकर प्रशासनिक अधिकारियों और अन्य लोगों का लगातार आगमन जारी है। इस धार्मिक स्थल को सुव्यवस्थित, स्वच्छ और श्रद्धालुओं के अनुकूल बनाने के लिए प्रशासन निरंतर प्रयासरत है।

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