बंधौरा में “मध्यस्थता जागरूकता अभियान” के तहत विधिक जागरूकता शिविर आयोजित।
जमुई

गिद्धौर – शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकार, जमुई के सौजन्य से गिद्धौर प्रखंड के बंधौरा गांव में एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य विषय था “मध्यस्थता जागरूकता अभियान”, जिसका उद्देश्य ग्रामीणों को विवादों के वैकल्पिक समाधान के रूप में मध्यस्थता (मेडिएशन) की प्रक्रिया से अवगत कराना था। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षित मध्यस्थ विनय कुमार सिंहा और पारा विधिक सेवक प्रफुल्ल कुमार ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों की उपस्थिति रही। अपने संबोधन में विनय कुमार सिंहा ने बताया कि मध्यस्थता एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से लोग अपने आपसी विवादों का निपटारा अदालत गए बिना, बातचीत और समझौते के जरिए कर सकते हैं। उन्होंने समझाया कि पारिवारिक, दीवानी तथा आपराधिक सुलहनीय जैसे कई मामलों को मध्यस्थता द्वारा सरलता से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अदालतों में मामलों के निपटारे में समय और धन दोनों की अधिक खपत होती है, जबकि मध्यस्थता के माध्यम से दोनों पक्ष आपसी सहमति से एक संतोषजनक समाधान तक पहुंच सकते हैं — जिसमें न किसी की हार होती है, न जीत, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति से विवाद समाप्त हो जाता है। शिविर में ग्रामीणों को यह जानकारी भी दी गई कि जिला विधिक सेवा प्राधिकार, जमुई द्वारा निःशुल्क मध्यस्थता सहायता उपलब्ध कराई जाती है, जिससे लोग अपने विवादों को शीघ्र और सहज रूप से सुलझा सकते हैं। कार्यक्रम के अंत में पारा विधिक सेवक प्रफुल्ल कुमार ने ग्रामीणों से अपील की कि वे छोटे-मोटे विवादों के लिए अदालत की ओर न जाकर मध्यस्थता केंद्र की सहायता लें, ताकि समाज में आपसी सौहार्द बना रहे और न्याय सभी के लिए सुलभ हो सके।




