लखीसराय में कृषि विकास को मिलेगी नई दिशा – चार परियोजनाओं का शुभारंभ,₹42 करोड़ की लागत से होगा कृषि बाज़ार समिति का जीर्णोद्धार एवं आधुनिकीकरण।
लखीसराय

आधुनिक तकनीक आधारित पहल से किसानों की आय एवं उत्पादन में होगी वृद्धि
लखीसराय – बिहार में कृषि विकास को नई ऊँचाई देने की दिशा में रविवार को एक ऐतिहासिक पहल की गई। राज्य के माननीय उप मुख्यमंत्री-सह-कृषि मंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने लखीसराय जिले में चार प्रमुख कृषि विकास परियोजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य आधुनिक कृषि तकनीकों का प्रसार, गुणवत्तापूर्ण बीज उत्पादन, बागवानी के विकास और दलहन फसलों के प्रोत्साहन को गति देना है। इस अवसर पर आयोजित समारोह में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि, “सरकार किसानों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाकर ‘आत्मनिर्भर कृषि, समृद्ध किसान’ के विजन को साकार करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है।”
बड़हिया में दलहन विकास केन्द्र का क्षेत्रीय कार्यालय उद्घाटित
बड़हिया प्रखंड में “दलहन विकास केन्द्र का क्षेत्रीय कार्यालय” का उद्घाटन किया गया। यह केन्द्र दलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार, बीज वितरण, प्रशिक्षण एवं उत्पादन संवर्धन में अहम भूमिका निभाएगा। इस पहल से किसानों को दाल उत्पादन के माध्यम से अतिरिक्त आय प्राप्त होगी और राज्य में पोषण सुरक्षा को भी बल मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे दाल उत्पादन में 25-30% तक की वृद्धि संभव है।
हलसी में अत्याधुनिक “प्लग टाइप नर्सरी” की स्थापना
हलसी स्थित राजकीय बीज गुणन प्रक्षेत्र में अत्याधुनिक “प्लग टाइप नर्सरी” का शुभारंभ किया गया। यह नर्सरी पौधों को नियंत्रित वातावरण में विकसित करेगी, जिससे समान आकार एवं सशक्त पौधे तैयार होंगे। इस तकनीक से न केवल रोपाई की सफलता दर बढ़ेगी बल्कि किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले पौध सामग्री की सुनिश्चित उपलब्धता भी मिलेगी। इससे उत्पादन लागत में कमी और फसल की उत्पादकता में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है।
“टिश्यू कल्चर लैब” से रोगमुक्त पौध उत्पादन को बढ़ावा
इसी परिसर में “टिश्यू कल्चर लैब” का भी शुभारंभ हुआ। इस अत्याधुनिक प्रयोगशाला में रोगमुक्त और उच्च गुणवत्ता वाले पौधों एवं बीजों का उत्पादन किया जाएगा। इस तकनीक से बिहार को उन्नत बीज प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में सशक्त किया जाएगा। विशेषज्ञों ने बताया कि इस लैब से तैयार बीजों का उपयोग पूरे राज्य में किया जा सकेगा, जिससे फसल की गुणवत्ता और उपज दोनों में सुधार आएगा।

“आदर्श बागवानी केन्द्र – शुष्क बागवानी” से कृषि विविधीकरण को बल
हलसी में ही “आदर्श बागवानी केन्द्र – शुष्क बागवानी” की स्थापना की गई है। यह केन्द्र आम, अमरूद, आंवला, बेर जैसे फलों की पौध उत्पादन, प्रशिक्षण और प्रदर्शन का प्रमुख केन्द्र होगा। इससे कृषि विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को पारंपरिक खेती के साथ-साथ बागवानी आधारित कृषि से अधिक आय प्राप्त होगी।
₹42 करोड़ की लागत से कृषि बाज़ार समिति का होगा आधुनिकीकरण
कार्यक्रम के दौरान माननीय उप मुख्यमंत्री ने लखीसराय कृषि उत्पादन बाज़ार समिति के जीर्णोद्धार एवं आधुनिकीकरण कार्य का भी शिलान्यास किया। लगभग ₹42 करोड़ की लागत से बनने वाला यह आधुनिक बाज़ार परिसर किसानों को बेहतर विपणन सुविधा, भंडारण, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के अवसर प्रदान करेगा। इससे कृषि उत्पादों के सुचारू व्यापार, पारदर्शी मूल्य निर्धारण और किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि सुनिश्चित होगी।
अधिकारियों, वैज्ञानिकों और किसानों की रही सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम में लखीसराय के जिलाधिकारी श्री मिथिलेश मिश्र, कृषि विपणन निदेशालय के निदेशक श्री शैलेन्द्र कुमार, जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कृषि वैज्ञानिक, प्रगतिशील किसान एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस अवसर पर किसानों ने सरकार की इन योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसी पहलें बिहार को आधुनिक कृषि के युग में अग्रणी राज्य बनाने में सहायक सिद्ध होंगी।




