भारतीय मजदूर संघ की बैठक के बाद डिप्टी मुख्यमंत्री को बीड़ी उद्योग और मजदूरों के हितों से जुड़े मांग पत्र भेजा गया।
जमुई झाझा

जमुई झाझा- बिहार प्रदेश बीड़ी मजदूर संघ की ओर से रविवार को रेलवे कॉलोनी स्थित भारतीय मजदूर संघ कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में बिहार के डिप्टी मुख्यमंत्री को बीड़ी उद्योग और मजदूरों के हितों से जुड़े मांग पत्र पर हस्ताक्षर करके भेजा गया। संघ के प्रदेश महामंत्री परमेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य बीड़ी उद्योग पर वर्तमान में लगाए गए 28 प्रतिशत जीएसटी को घटाकर 5 प्रतिशत करने की मांग
को अधिकारिक रूप से सरकार तक पहुंचाना था। उन्होंने बताया कि बिहार में लगभग 15 लाख बीड़ी मजदूर इस उद्योग पर निर्भर हैं। बीड़ी उद्योग भारत के सबसे पुराने पारंपरिक कुटीर उद्योगों में से एक है, जो पूरी तरह से शारीरिक श्रम पर आधारित है। परमेश्वर प्रसाद यादव ने बताया कि बीड़ी उद्योग पर भारी जीएसटी लगाने से इस पारंपरिक उद्योग पर गंभीर असर पड़ा है। इसके कारण
बीड़ी उद्योग संकट में है और इससे जुड़े मजदूरों के सामने रोज़गार और आजीविका को लेकर गंभीर चिंता उत्पन्न हो गई है। उन्होंने कहा कि यदि जीएसटी कम नहीं किया गया, तो यह उद्योग और उससे जुड़े लाखों मजदूरों के लिए खतरे का कारण बन सकता है। प्रदेश महामंत्री ने आगे कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि बीड़ी उद्योग पर लगाए गए भारी-भरकम कर को तुरंत कम किया जाए
ताकि उद्योग की स्थिरता बनी रहे और मजदूरों की आजीविका सुरक्षित हो। बैठक में बीएमएस के जिला मंत्री अधिक सिंह, उपेंद्र ठाकुर, जिलाध्यक्ष अंजू कुमारी, सुरेंद्र कुमार सहित संघ के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे। उन्होंने सभी स्तरों पर सरकार से अनुरोध किया कि बीड़ी उद्योग के संरक्षण के लिए त्वरित कदम उठाए जाएँ और मजदूरों के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जाए। बैठक का आयोजन मजदूरों के सामाजिक और आर्थिक कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। बीड़ी मजदूर संघ का मानना है कि इस तरह की पहल से न केवल उद्योग बच सकता है, बल्कि इसके माध्यम से जुड़े परिवारों की आजीविका भी सुरक्षित रहेगी।




