सातवीं लघु सिंचाई गणना, द्वितीय जल निकाय गणना एवं प्रथम सेंसस ऑफ स्प्रिंग से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन।
जमुई

जमुई- समाहरणालय परिसर स्थित सभा कक्ष में सातवीं लघु सिंचाई गणना, द्वितीय जल निकाय गणना एवं प्रथम सेंसस ऑफ स्प्रिंग से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण का आयोजन जिलाधिकारी नवीन के नेतृत्व में किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ अपर समाहर्ता रविकांत सिन्हा, गोपनीय प्रभारी सह जिला पंचायत राज पदाधिकारी वीरेंद्र कुमार, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर
किया गया। अवसर पर वक्ताओं ने बताया कि यह योजना शत-प्रतिशत केंद्र प्रायोजित है, जिसे राज्य स्तर पर योजना एवं विकास विभाग (अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय), बिहार, पटना के दिशा-निर्देशानुसार संचालित किया जा रहा है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में
कृषि उत्पादन को बढ़ाने में लघु सिंचाई योजनाओं की अहम भूमिका है। इसी उद्देश्य से हर पांच वर्ष पर देशभर में लघु सिंचाई गणना कराई जाती है। इस बार पहली बार स्प्रिंग सेंसस भी शामिल किया गया है। गणना के दौरान भू-जल एवं सतही जल से सिंचाई की विभिन्न व्यवस्थाओं
जैसे कुआं, उथला नलकूप, सतही प्रवाह, तालाब एवं पोखर आदि से संबंधित आंकड़े संकलित किए जाएंगे। साथ ही ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सभी जल निकायों की गणना कर विश्वसनीय आंकड़े तैयार किए जाएंगे, जो भविष्य की योजनाओं के लिए सुदृढ़ आधार बनेंगे।
प्रशिक्षण के दौरान प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी ने योजना की रूपरेखा प्रस्तुत की। इसके अलावा जिला सांख्यिकी पदाधिकारी एवं मास्टर ट्रेनर ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभिन्न प्रपत्रों को भरने की प्रक्रिया तथा प्रखंड एवं अंचल स्तर पर पर्यवेक्षण की विशेषताओं पर विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी, लघु सिंचाई एवं कृषि विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।




