जन सुराज यात्रा को मिला सारण और कैमूर में जनसमर्थन, प्रशांत किशोर बोले — अबकी बार ‘जनता का राज’, न लालू, न नीतीश, न मोदी!
सारण

सारण- बिहार में परिवर्तन की लहर को और गति देते हुए जन सुराज पदयात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर ने सारण और कैमूर जिलों में आम जनता व प्रबुद्ध वर्ग से संवाद करते हुए राजनीतिक व्यवस्था पर तीखा हमला बोला।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता अब लालू-नीतीश-मोदी की राजनीति से ऊब चुकी है और एक नयी दिशा की तलाश में निकल चुकी है। बारिश हो या तेज गर्मी, प्रशांत किशोर की सभाओं में हजारों लोगों की भागीदारी यह साबित कर रही है कि बदलाव की तड़प अब जमीन पर साफ़ दिखाई देने लगी है। मैने कहा था कि जिस दिन लोगो को अपनी समझ जाएगी उस दिन बदलाव होगा। मीडिया बयान में जन सुराज मीडिया प्रभारी ने कहा, “बिहार की जनता बारिश की परवाह किए बिना गरीबी से बाहर निकलने का रास्ता ढूंढ़ रही है।” प्रशांत किशोर ने सारण में प्रबुद्ध नागरिकों से संवाद करते हुए कहा, “जब तक नेताओं को हारने का डर नहीं होगा, तब तक बिहार की हालत नहीं सुधरेगी।”
उन्होंने दावा किया कि पिछले 35 वर्षों से जनता लालू और नीतीश के बीच उलझी हुई है, लेकिन अब लोगों को एक विकल्प मिल रहा है।।उन्होंने कहा, “5 साल जन सुराज को आज़माइए। अगर कुछ नहीं हुआ तो बदल दीजिएगा। लेकिन बार-बार उन्हीं को चुनकर बिहार को गर्त में मत डालिए।” सारण में हुई सभा में किशोर ने शिक्षा को लेकर एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा, “हर प्रखंड में नेतरहाट जैसा स्कूल बनने तक हम बच्चों को निजी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दिलवाएंगे।”।कैमूर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नई डोमिसाइल नीति पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा, “सरकार चाहे जो नीति बना ले, जनता अब भ्रम में आने वाली नहीं है। बिहार की जनता अब ठान चुकी है कि लालू-नीतीश की विदाई तय है।” तेजस्वी यादव के वोटर लिस्ट विवाद पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “जनता को फर्क नहीं पड़ता कि तेजस्वी का नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं।
जनता ये जानना चाहती है कि पलायन और बेरोजगारी कब खत्म होगी।”प्रशांत किशोर और जन सुराज अभियान की सभाओं में बार-बार यह नारा गूंजता रहा:”अबकी बार जनता का राज — न लालू, न नीतीश, न मोदी!”।लोगों की बढ़ती भागीदारी यह संकेत दे रही है कि बिहार में एक वैकल्पिक राजनीति की नींव पड़ चुकी है।




