
लखीसराय – 2 अगस्त शुक्रवार की संध्या से शुरू हुई मूसलधार बारिश ने जिले के ग्रामीण और शहरी इलाकों में तबाही मचा दी है। खासकर किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर आई है।
धान की रोपनी के इस महत्वपूर्ण समय में भारी बारिश से खेतों में अत्यधिक पानी जमा हो गया है, जिससे फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। खेतों में खड़े पानी से किसानों की मेहनत पर पानी फिरता नजर आ रहा है। किसानों का कहना है कि रोपनी के लिए यह समय सबसे अहम होता है, लेकिन अचानक हुई मूसलधार बारिश से खेतों में जलजमाव हो गया है और अब दोबारा खेतों को तैयार करने में समय और लागत दोनों की मार झेलनी पड़ेगी। मौसम के इस अचानक बदले मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है।
बारिश के बाद किऊल नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया है। नदी का बहाव इतना तेज हो गया है कि आसपास के गांवों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। नदी के किनारे बसे कई परिवारों के घर और आशियाने पानी में समा गए हैं। तेज बहाव ने घरों को उजाड़ दिया है और लोग अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।
किऊल नदी के रास्ते लखीसराय जाने वाले यात्रियों को अब कई किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है, क्योंकि नदी पर बना संपर्क मार्ग जलमग्न हो चुका है। स्थानीय लोगों का कहना है कि किसी की ओर से अभी तक कोई राहत कार्य शुरू नहीं किया गया है, जिससे लोगों में नाराजगी देखी जा रही है।
एक दिन की बारिश ने गांवों में सड़कों पर पानी का बहाव इतना तेज है कि आवागमन पूरी तरह से बाधित हो गया है।




