धान की तीन ऐसी प्रजातियों का विकास किया है, जो मौसम के बदलते मिजाज के अनुरूप ठीक बैठता है।
जमुई

जमुई –बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना द्वारा संचालित जमुई जिले का कृषि विज्ञान केंद्र जिले मे धान की खेती करने वाले किसानों को ध्यान में रखकर केंन्द्र के वैज्ञानिको ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद पटना के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर 4 वर्षों तक अथक प्रयास करके धान की तीन ऐसी प्रजातियों का विकास किया है, जो मौसम के बदलते मिजाज के अनुरूप ठीक बैठता है।
आज भी जिले के किसान धान की खेती में ज्यादातर वर्षा पर निर्भर होते हैं।पिछले कई वर्षों के आंकड़े बताते हैं, कि जिले में वार्षिक वर्षापात में गिरावट आई है। किसानों के समक्ष बिचरा सूखना,धान की खेती में पौधों का सूखना जैसी समस्याएं आम बात हो गई हैं।यहां के किसान धान से अनाज प्राप्त करने के उपरांत फसल अवशेष को नेवारी के रूप में पशुओं को खिलाते हैं।जब वर्षा कम होती है, और धान का उपज प्रभावित होता है,वैसी स्थिति में पशुओं के लिए चारे की उपलब्धता में भी कमी आती है।साथ ही साथ यह भी पाया गया है कि जमुई के किसान जो धान उगाते है,उसी का चावल तैयार कर भोजन में उपयोग करते हैं।इन तीनों चीजों को ध्यान में रखकर केंद्र के वैज्ञानिको ने धान की तीन नई प्रजातियों का खोज किया है,जो स्वर्ण श्रेया,स्वर्ण शक्ति एवं स्वर्ण समृद्धि के नाम से जानी जाती है।इन तीनों प्रजातियों में वर्षा के अनुरूप फसल मे बढ़वार की क्षमता विकसित की गई है एवं बारिश कम होने की स्थिति में लगातार 15 से 20 दिनों तक बारिश न होने की स्थिति में भी इस धान की उपज 40 से 42 कुंतल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है । स्वर्ण शक्ति नामक धान की प्रजाति में जिंक एवं आयरन की मात्रा को भी बढ़ाया गया है।जिससे चावल खाने वाले किसानों के शरीर में इन तत्वों की मात्रा पर्याप्त प्राप्त हो होती है।आज कृषि विज्ञान केंद्र जमुई ने सोनो प्रखंड के बिनझी गांव में विकसित कृषि संकल्प अभियान का कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को मौसम अनुकूल कृषि तकनीक की जानकारी केंद्र प्रमुख डॉ सुधीर कुमार सिंह ने दिया।उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के द्वारा पूरे भारतवर्ष में दिनांक 29 मई को विकसित कृषि संकल्प अभियान का शुभारंभ किया गया है।जो 12 जून 2025 को समाप्त होगा।इस क्रम में केंद्र प्रमुख ने जिले मे वैज्ञानिकों की तीन टोली बनाई है।प्रत्येक टोली प्रतिदिन जिले के तीन अलग-अलग गांव में कार्यक्रम आयोजित करते हैं एवं मौसम के अनुकूल कृषि तकनीक, किसानो की फसल संबंधीत समस्याओं, पशुओं की समस्याओं पर चर्चा करते हैं।आज विकसित कृषि संकल्प अभियान के 10 दिन पूरे हो चुके और केंद्र के वैज्ञानिको ने अभी तक जमुई जिले के 10000 किसानों के साथ सीधा संवाद स्थापित किया है।केंद्र द्वारा बनाई गई प्रथम टोली में कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रमोद कुमार सिंह के साथ रूबी कुमारी द्वितीय टोली में कुमारी रश्मि रानी के साथ डॉ मुकुल कुमार एवं तृतीय टोली में डॉ प्रवीण कुमार के साथ डॉ परमानंद प्रभाकर एवं केन्द्र प्रमुख डाॅ सुधीर सिंह स्वयं है।भारत सरकार के इस कार्यक्रम का समापन समारोह दिनांक 12 जून को जमुई प्रखंड से किया जाएगा।इस कार्यक्रम के सफल संचालन मे मार्गदर्शन हेतु केन्द्र प्रमुख डॉ सुधीर ने बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय पटना के माननीय कुलपति डाॅ ईन्दर्जीत सिंह एवं निदेशक डॉ उमेश सिंह को धन्यवाद दिया ।