
जमुई- जिले के चकाई थाना क्षेत्र में हुए बहुचर्चित दहेज हत्याकांड में न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए चार आरोपियों को कठोर कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला जमुई के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा सोमवार, 2 जून को सुनाया गया। मामला चकाई थाना कांड संख्या-09/2023 से जुड़ा है, जिसमें पीड़िता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद दहेज हत्या की गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया था।
जमुई पुलिस ने मामले में त्वरित जांच करते हुए पुख्ता साक्ष्य जुटाए और समय पर समर्पित चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत की। प्राप्त जानकारी के अनुसार, न्यायालय ने दोषियों मो. मुमताज (उम्र 54 वर्ष), हसीना खातून (उम्र 50 वर्ष), रुकसार खातून उर्फ रुकसाना खातून (उम्र 25 वर्ष), तीनों निवासी नावाडीह और इस्लामनगर को भारतीय दंड विधान की धारा 304बी/34 के तहत दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। वहीं, इसी प्रकरण में न्यायालय वाद संख्या-408/2023 के तहत अभियुक्त मो. शबाब (उम्र 29 वर्ष), पिता- मो. मुमताज, को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी गई है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि यह फैसला पुलिस की सशक्त विवेचना, समय पर दायर चार्जशीट और साक्ष्यों की मजबूती के कारण संभव हो सका। पुलिस अधीक्षक ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला समाज में दहेज जैसी कुप्रथा के विरुद्ध एक मजबूत संदेश देगा और पीड़ित पक्षों को न्याय दिलाने में मील का पत्थर साबित होगा। पुलिस विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ सजग रहें और ऐसी घटनाओं की सूचना तुरंत प्रशासन को दें।