सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान रोहतास पुलिस ने एक संगठित सॉल्वर गैंग की बड़ी साजिश का खुलासा,फर्जी मजिस्ट्रेट, सॉल्वर, वाहन चालक सहित चार गिरफ्तार।
रोहतास

रोहतास, डिहरी:सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान रोहतास पुलिस ने एक संगठित सॉल्वर गैंग की बड़ी साजिश का खुलासा किया है। पुलिस ने फर्जी मजिस्ट्रेट बनकर परीक्षा केंद्र में प्रवेश करने वाले गिरोह के सक्रिय सदस्य
सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। ये लोग डिहरी के कटार स्थित डीएवी पब्लिक स्कूल परीक्षा केंद्र पर धांधली की कोशिश में जुटे थे। गैंग के पास से चार मोबाइल फोन, फर्जी पहचान पत्र, फर्जी नियुक्ति पत्र (लेटर) और एक वाहन भी जब्त किया गया है। मामले का खुलासा डिहरी SDPO-1 अतुलेश झा ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में
किया। घटना के अनुसार, परीक्षा से एक दिन पहले एक व्यक्ति ने खुद को वरीय कोषागार पदाधिकारी, पटना सचिवालय बताकर परीक्षा केंद्र में बतौर मजिस्ट्रेट योगदान दे दिया। यह व्यक्ति दरअसल महेंद्रु, पटना का एक शिक्षक अशोक कुमार सिंह है।अगले दिन, यानी परीक्षा के दिन सुबह 8 से 9 बजे के बीच वह केंद्र पर
पहुंचा और निरीक्षण के नाम पर सभी व्यवस्थाओं का जायजा लेने लगा। परीक्षा शुरू होने के बाद वह विभिन्न कक्षों में जाकर निरीक्षण करने का नाटक करता रहा। इसी दौरान उसने एक अभ्यर्थी को अनुशासनहीन बताते हुए ‘जांच’ के नाम पर उसे कंट्रोल रूम ले जाने की बात कही और उसे साथ लेकर चला गया। करीब आधे घंटे बाद वही अभ्यर्थी अपनी लगभग भरी हुई OMR शीट
लेकर वापस लौटा, जबकि मजिस्ट्रेट के साथ जाते समय उसकी शीट पूरी तरह खाली थी। वीक्षकों ने इसे गंभीर अनियमितता मानते हुए केंद्राध्यक्ष को सूचना दी। शक के आधार पर केंद्राध्यक्ष ने जांच शुरू कराई। जांच में कथित मजिस्ट्रेट गैलरी में संदिग्ध रूप से घूमते मिला। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह फर्जी मजिस्ट्रेट है और
छात्र गोलू के संपर्क में आकर पैसे लेकर अभ्यर्थी विकास कुमार (जहानाबाद) की मदद करने आया था।सूचना पर जब उसकी कार की तलाशी ली गई, तो डिक्की से एक पूरा सॉल्वर सेटअप मिला जिसमें शामिल थे— सॉल्वर संतोष कुमार (जहानाबाद) वाहन चालक लानेन्द्र कुमार (जहानाबाद) प्रश्न पत्र हल करने के लिए कैलकुलेटर, कागज, कलममोबाइल फोन, फर्जी आई-कार्ड और नियुक्ति पत्रbसभी दस्तावेज प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए। पुलिस ने फर्जी मजिस्ट्रेट, सॉल्वर, वाहन चालक सहित कुल चारों आरोपियों को मौके से गिरफ्तार कर लिया। SDPO झा ने बताया कि इस गैंग से जुड़े दो और संदिग्धों की पहचान हो चुकी है। उनकी तलाश जारी है और पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है। पुलिस का मानना है कि यह गिरोह कई परीक्षाओं में धांधली कर चुका है और इस बार बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़े की कोशिश की जा रही थी।




