सात संरक्षित पुरातात्विक स्थलों के विकास एवं संवर्द्धन हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन।
लखीसराय

लक्खीसराय – गुरुवार 11.12.2025 को लखीसराय जिले के सात संरक्षित पुरातात्विक स्थलों के विकास एवं संवर्द्धन हेतु एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का उद्देश्य जिले में स्थित घोषित पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण, प्रचार-प्रसार, संरक्षण
तकनीकों के इस्तेमाल तथा स्थानीय समाज में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर विस्तृत विचार-विमर्श करना था। बैठक का मुख्य लक्ष्य था कि समाज के प्रत्येक वर्ग तक पुरातात्विक स्थलों के महत्व को पहुँचाया जाए
तथा उनके संरक्षण में जनसहभागिता सुनिश्चित की जाए। बैठक की अध्यक्षता जिला पदाधिकारी, लखीसराय श्री मिथिलेश मिश्र ने की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न पुरातत्वविदों, इतिहासकारों तथा
विशेषज्ञों के सुझाव प्राप्त किए। प्राप्त सलाहों के आधार पर जिला पदाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लखीसराय की ऐतिहासिक धरोहरें न केवल जिले की पहचान हैं, बल्कि राज्य और देश की सांस्कृतिक विरासत
को भी समृद्ध करती हैं। अतः इनके संरक्षण में कोई शिथिलता स्वीकार्य नहीं है। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिले के सभी सात संरक्षित पुरातात्विक स्थलों की वर्तमान स्थिति, विकास की संभावनाओं तथा आवश्यक सुधारों को ध्यान में रखते हुए 2–3 पृष्ठों का विस्तृत
प्रतिवेदन तैयार किया जाए। जिला पदाधिकारी ने निर्देश दिया कि यह विवरणिका निर्धारित समय सीमा में तैयार कर विभाग को उपलब्ध कराई जाए ताकि आगे की कार्ययोजना प्रभावी रूप से लागू की जा सके। बैठक में जिला पदाधिकारी ने कहा कि पुरातात्विक स्थलों की सुरक्षा, संरक्षण तथा पर्यटन विकास से जिले में आर्थिक
गतिविधियों को भी नई दिशा मिलेगी। उन्होंने आमजनों से अपील की कि वे पुरातात्विक धरोहरों की रक्षा को अपनी जिम्मेदारी समझें और उन्हें नुकसान पहुँचाने वाली गतिविधियों से दूर रहें। इस अवसर पर अपर समाहर्ता, लखीसराय श्री नीरज कुमार, वरीय उपसमाहर्ता-सह-
नोडल पदाधिकारी पर्यटन श्री शशि कुमार, जिला कला एवं संस्कृति पदाधिकारी श्री मृणाल रंजन, नजारत उपसमाहर्ता सुश्री प्राची कुमारी, जिला योजना पदाधिकारी श्री आशुतोष कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार सहित विभिन्न विभागों के अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।




