राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में फर्जीवाड़े पर सख्त कार्रवाई,जमुई में 84 हजार से अधिक संदिग्ध राशन कार्ड चिन्हित।
जमुई

जमुई- जिले में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत चल रहे फर्जीवाड़े को रोकने के लिए खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। विभाग ने ऐसे संपन्न एवं अपात्र परिवारों के राशन कार्ड निरस्त करने की प्रक्रिया तेज कर दी है, जो नियमों के
विरुद्ध सरकारी राशन का लाभ उठा रहे हैं। इस कार्रवाई से जिले में पात्र लाभुकों को उनका हक दिलाने की दिशा में ठोस पहल मानी जा रही है। खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा
कराई गई विस्तृत जांच में जमुई जिले में कुल 84 हजार 653 राशन कार्ड संदिग्ध पाए गए हैं। इन सभी राशन कार्डधारकों को विभाग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा। नोटिस का जवाब मिलने के बाद उसकी जांच की जाएगी और यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया
तो संबंधित राशन कार्ड को निरस्त कर दिया जाएगा। मामले की जानकारी देते हुए अनुमंडल पदाधिकारी सौरव कुमार ने बताया कि खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, आयकर विभाग तथा परिवहन विभाग के साथ समन्वय स्थापित
कर एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आधार पर ऐसे परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिनके पास ढाई एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, जिनका वार्षिक टर्नओवर 25 लाख रुपये से अधिक है या फिर जो किसी सरकारी सेवा में कार्यरत हैं, लेकिन इसके बावजूद राशन कार्ड के माध्यम से सरकारी अनाज का लाभ ले रहे हैं।
उन्होंने बताया कि सभी संदिग्ध राशन कार्डधारकों की सूची सार्वजनिक कर दी गई है और चरणबद्ध तरीके से सभी को नोटिस भेजा जा रहा है। निर्धारित समय सीमा के भीतर यदि संबंधित परिवारों की ओर से संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया जाता है, तो ऐसे सभी राशन कार्ड बिना किसी पूर्व सूचना के निरस्त कर दिए जाएंगे। इसके साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी ने ई-केवाईसी को लेकर भी सख्त निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि जिन उपभोक्ताओं की अब तक ई-केवाईसी नहीं हुई है, वे शीघ्र अपने नजदीकी जन वितरण प्रणाली विक्रेता के पास जाकर अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी कर लें। निर्धारित समय तक ई-केवाईसी नहीं कराने वाले लाभुकों का नाम राशन कार्ड से काट दिया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य में राशन का लाभ नहीं मिल सकेगा। विभाग की इस सख्त कार्रवाई से जिले में अपात्र लोगों द्वारा राशन उठाव पर प्रभावी रोक लगने की उम्मीद जताई जा रही है। साथ ही इससे वास्तविक एवं जरूरतमंद परिवारों को समय पर और पूरा लाभ मिलने का रास्ता साफ होगा।




