पाँच दिवसीय शीतकालीन सत्र सम्पन्न, विधानसभा अध्यक्ष ने दी विस्तृत जानकारी।
पटना

पटना- बिहार विधानसभा का पाँच दिवसीय शीतकालीन सत्र शुक्रवार को समाप्त हो गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार ने सत्र के समापन की औपचारिक घोषणा करते हुए सदन के संचालन में सहयोग करने वाले सभी
सदस्यों, अधिकारियों और कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने पूरे सत्र के दौरान संपन्न कार्यों का विस्तार से उल्लेख किया। अध्यक्ष ने बताया कि सत्र की शुरुआत 1 दिसंबर को हुई, जब प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव ने कुल 236 विधायकों को शपथ दिलाई।
इसके बाद 2 दिसंबर को पाँच विधायकों ने शपथ ग्रहण किया। इसी दिन विधानसभा अध्यक्ष का निर्वाचन भी सम्पन्न हुआ। 3 दिसंबर को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा और विधान परिषद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। इसके बाद विधान सभा अध्यक्ष ने
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सदन का नेता तथा तेजस्वी यादव को विपक्ष का नेता घोषित किया। अध्यक्ष ने बताया कि विभिन्न विश्वविद्यालयों में विधायकों को सदस्य के रूप में नामित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को अधिकृत किया गया। 4 दिसंबर को नरेंद्र नारायण यादव को विधानसभा का उपाध्यक्ष निर्वाचित किया गया। उसी दिन
राज्यपाल के अभिभाषण पर विधायक राणा रणधीर द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव रखा गया। इस पर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें कई विधायकों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकार की उपलब्धियों का विस्तार से उल्लेख किया, जबकि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बहस का जवाब देते हुए विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों का विस्तृत उत्तर दिया। 5 दिसंबर को वित्तीय वर्ष 2025-26 के
द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी में सम्मिलित ग्रामीण विकास विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा की गई। सरकार के उत्तर के बाद यह मांग सदन द्वारा पारित कर दी गई। अध्यक्ष के अनुसार सत्र के दौरान कुल 16 निवेदन प्राप्त हुए, जिनमें 15 स्वीकृत किए गए। वहीं कुल 9 याचिकाएँ प्राप्त हुईं, जिनमें से 6 को स्वीकृति मिली। अध्यक्ष ने कहा कि पूरा सत्र विधायी कार्यों और बहसों से समृद्ध रहा और सभी दलों का सहयोग सराहनीय रहा। उन्हाेंने उम्मीद जताई कि आने वाले सत्रों में भी इसी तरह सार्थक और सकारात्मक चर्चा के माध्यम से बिहार की प्रगति को गति दी जाएगी।




