नीतीश कैबिनेट बैठक में 19 प्रस्तावों पर लगी मुहर, बने तीन नए विभाग, सरकारी कर्मचारियों को 5% DA वृद्धि का बड़ा लाभ।
पटना

पटना- बिहार में नई सरकार के गठन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की दूसरी बैठक आयोजित की गई। राज्य सचिवालय में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में कुल 19 एजेंडों को मंजूरी दी गई। राज्य के विकास, प्रशासनिक सुधार, शिक्षा और रोजगार से जुड़े कई फैसले इस बैठक का केंद्र रहे। बैठक में सबसे
महत्वपूर्ण निर्णय राज्य के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों से जुड़ा रहा। महंगाई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सरकार ने कर्मचारियों को राहत देते हुए महंगाई भत्ता (DA) में 5 प्रतिशत की सीधी वृद्धि अनुमोदित कर दी। कैबिनेट के निर्णय के अनुसार षष्ठम
वेतनमान में वेतन एवं पेंशन पाने वाले राज्य सरकार के कर्मचारी और पेंशनभोगियों को अब 252% की जगह 257% महंगाई भत्ता मिलेगा।पंचम वेतनमान वाले कर्मियों और पेंशनभोगियों का महंगाई भत्ता 466% से बढ़कर 474% कर दिया गया है। नया महंगाई भत्ता 1
जुलाई 2025 से प्रभावी होगा। इससे राज्य के लाखों कर्मचारियों एवं पेंशनभोगियों को आर्थिक राहत मिलने की उम्मीद है। सरकार ने प्रशासनिक ढांचे को और सुदृढ़ करने के लिए तीन नए विभागों के गठन को भी मंजूरी प्रदान की। इससे अब बिहार में कुल 48 विभाग हो जाएंगे। नए विभाग इस प्रकार हैं 1. युवा रोजगार एवं
कौशल विकास विभाग 2. उच्च शिक्षा विभाग 3. सिविल विमान विभाग। इसके साथ ही तीन विभागों के नामों में बदलाव भी किया गया पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को अब डेयरी, मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कहा जाएगा। श्रम संसाधन विभाग अब श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग के नाम से जाना जाएगा।
बैठक में युवाओं को रोजगार के नए अवसर देने के उद्देश्य से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (NSE) द्वारा प्रस्तावित विद्यार्थी कौशल विकास कार्यक्रम (Student Skill Development Programme) को हरी झंडी दी गई। इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को बाजार की जरूरत के अनुसार आधुनिक कौशल प्रदान किए जाएंगे। कैबिनेट ने कानून और प्रशासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण संशोधनों को भी मंजूरी दी—मध्य निषेध विभाग के अंतर्गत बिहार दस्तावेज़ लेखक संशोधन नियमावली 2025 को स्वीकृति।मुख्यमंत्री शिक्षा भारती निवारण योजना के तहत भिक्षावृत्ति निवारण नियमावली 1954 में संशोधन को मंजूरी। इन संशोधनों के माध्यम से सरकारी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी तथा प्रभावी बनाने का लक्ष्य है।




