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लखीसराय फ़िल्म महोत्सव के दूसरे संस्करण का भव्य आग़ाज़।

लखीसराय

लखीसराय – लखीसराय फ़िल्म महोत्सव 2025 के दूसरे संस्करण का शुभारंभ आज वन्दे मातरम की गूँज के बीच हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद पर आधारित वृत्तचित्र और प्रकाश झा द्वारा निर्देशित चर्चित फ़ीचर फ़िल्म परीक्षा के प्रदर्शन से हुई। उद्घाटन सत्र में बिहार राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा, सदस्या पिंकी कुशवाहा, ज़िलाधिकारी मिथिलेश मिश्र, आरक्षी अधीक्षक अजय कुमार, भवन निर्माण विभाग के विशेष सचिव एवं बापू टॉवर के निदेशक विनय कुमार, इम्पा के अध्यक्ष अभय कुमार सिन्हा, अभिनेत्री अनुरिता झा, अभिनेता मोहित मट्टू, वरिष्ठ फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज, फ़िल्मकार रवि शेखर तथा महोत्सव के संयोजक एवं सिनेयात्रा के सचिव फ़िल्मकार रविराज पटेल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का उद्घाटन किया। उद्घाटन सत्र में अभिनेत्री अनुरिता झा ने लखीसराय में ऐसे आयोजन को “नई प्रतिभाओं के लिए प्रेरक अवसर” बताया। कटिहार से निकलकर फ़ैशन, मॉडलिंग और फिर फ़िल्मों एवं वेब सीरीज़ की दुनिया में अपनी पहचान बनाने वाली अनुरिता ने कहा कि बिहार में ऐसे कार्यक्रम युवाओं को आगे बढ़ने की ऊर्जा देते हैं। आश्रम, मिथ्या, असुर जैसी सफल वेब सीरीज़ और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मैथिली फ़ीचर फ़िल्म मिथिला मखान की मुख्य अभिनेत्री अनुरिता ने अपने मास्टर क्लास में बच्चों से बेबाक़ संवाद किया। यह सत्र वरिष्ठ फ़िल्म समीक्षक अजय ब्रह्मात्मज द्वारा संचालित किया गया। दूसरे संवाद सत्र में अभिनेता मोहित मट्टू और फ़िल्मकार रवि शेखर के बीच रोचक बातचीत हुई। मोहित ने कहा कि वे अपने मित्र फ़िल्मकार रविराज पटेल के निमंत्रण पर पहली बार बिहार आए हैं और यहाँ आयोजित इस उत्कृष्ट महोत्सव को देखकर “हैरान और प्रभावित” हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के प्रति उनकी पुरानी धारणा अब पूरी तरह बदल गई है और वे यहाँ फ़िल्म शूट करने की योजना बनाएँगे। वहीं, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा ने महोत्सव संयोजक रविराज पटेल को आमंत्रित करते हुए कहा कि महिलाओं पर केंद्रित फ़िल्मों का एक विशेष समारोह आयोजित करने में वे मार्गदर्शन दें। शहर में लखीसराय संग्रहालय, राज सिनेमा और महादेव टॉकीज में फ़िल्मों का प्रदर्शन किया गया। उद्घाटन फ़िल्म परीक्षा के अलावा वॉटर बेरीयल, एक था गाँव, न्यूटन और गांधी जैसी चर्चित फ़िल्में प्रदर्शित की गईं। तीनों स्थलों पर आयोजित सत्रों में लगभग दो हज़ार बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। अतिथियों का स्वागत महोत्सव निदेशक सह ज़िलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन महोत्सव संयोजक एवं सिनेयात्रा सचिव रविराज पटेल ने प्रस्तुत किया। अपने संबोधन में ज़िलाधिकारी ने बिहार सरकार की फ़िल्म प्रोत्साहन नीति की विशेषताओं पर विस्तार से प्रकाश डाला। अतिथियों ने राजेंद्र प्रसाद जयंती के अवसर पर उनकी तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की और दिवंगत अभिनेता धर्मेंद्र की स्मृति में मौनधारण किया। महोत्सव में पूर्व एडीएम सुधांशु शेखर, उप विकास आयुक्त सुमित कुमार, अपर समाहर्ता नीरज कुमार, वरीय उप समाहर्ता शशि कुमार, प्राची कुमारी, कला-संस्कृति पदाधिकारी मृणाल रंजन, राज सिनेमा के प्रबंधक रितेश कुमार सिंह, महादेव सिनेमा के प्रबंधक शिवम् कुमार, नोनगढ़ पंचायत की मुखिया जुली कुमारी, ज़िला भाजपा अध्यक्ष दीपक कुमार सिंह, इम्पा के कार्यकारी सदस्य निशांत उज्ज्वल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। वही 4 दिसम्बर को प्रदर्शित होने वाली फ़िल्में: बहुरूपिया (वृत्तचित्र), अंधाधुन (हिंदी फ़ीचर फ़िल्म), अजय ब्रह्मात्मज और रवि शेखर की मास्टर क्लास, क्रोसिंग बॉर्डर्स (लघु फ़िल्म), आवर्तन (फ़ीचर फ़िल्म), जूयें (लघु फ़िल्म), सरदार पटेल (वृत्तचित्र), मट्टो की साइकिल (फ़ीचर फ़िल्म), मानसून वॉक (लघु फ़िल्म), इरादा (फ़ीचर फ़िल्म), स्वाहा (मगही फ़ीचर फ़िल्म), लखीसराय म्यूज़ियम डिस्कवरी: ए ग्लिम्प्स ऑफ़ ग्लोरी (वृत्तचित्र) और भगवदाजुकम (संस्कृत फ़ीचर फ़िल्म) होगी।

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