केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का वीडियो वायरल, चुनावी प्रक्रिया पर उठे सवाल, मांझी ने वीडियो से छेड़छाड़ का लगाया आरोप, विपक्ष ने मांगी जांच।
गया

गया- सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसने राज्य की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। वायरल वीडियो में मांझी सार्वजनिक मंच से मगही भाषा में चुनावी नतीजों को लेकर गंभीर बातें कहते नजर आ रहे
हैं। वीडियो सामने आने के बाद चुनावी पारदर्शिता, प्रशासनिक भूमिका और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को लेकर बहस तेज हो गई है। वायरल वीडियो में जीतन राम मांझी यह कहते सुने जा रहे हैं कि “2020 में 2600 वोट से हार
रहे थे, तब कोशिश कर जीत दिला दिए गए… इस बार 1600 वोट से हारे, लेकिन हमें बताया ही नहीं गया।” इतना ही नहीं, वीडियो में वह उस समय के जिलाधिकारी का भी उल्लेख करते हैं, जो वर्तमान में त्रिपुरा में पदस्थ बताए जा रहे हैं। उनके इस कथन को सीधे तौर पर चुनावी प्रक्रिया में प्रशासन की भूमिका से जोड़कर देखा
जा रहा है। वीडियो ऐसे समय में वायरल हुआ है, जब 2025 विधानसभा चुनाव से पहले विपक्ष लगातार चुनाव में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोप लगाता रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई। बढ़ते दबाव के बीच केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सफाई
जारी करते हुए वीडियो को छेड़छाड़ कर वायरल किए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग उन्हें बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब उन्हें डराने या अपमानित करने की राजनीति सफल नहीं होगी। मांझी ने अपने बयान में कहा कि “आसमान पर थूकने वालों यह भूल रहे हैं कि थूक उनके ही चेहरे पर गिरेगा। अब मांझी ब्रांड हो चुका है, किसी से
डरने वाला नहीं।” हालांकि, मांझी की सफाई के बाद भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। यदि वीडियो से छेड़छाड़ हुई है, तो बयान का वास्तविक संदर्भ और पूरा तथ्य सार्वजनिक रूप से स्पष्ट क्यों नहीं किया गया, यह सवाल विपक्ष उठा रहा है। विपक्षी दलों का कहना है कि यह मामला अब सिर्फ सोशल मीडिया विवाद नहीं रहा, बल्कि इससे चुनाव आयोग, प्रशासन और सत्ता की जवाबदेही पर गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।




