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जिला पदाधिकारी लखीसराय मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में फार्मर रजिस्ट्री से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।

लखीसराय

लखीसराय – गुरुवार 4 दिसंबर 2025 को समाहरणालय लखीसराय स्थित मंत्रणा कक्ष में जिला पदाधिकारी लखीसराय मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में फार्मर रजिस्ट्री से संबंधित जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण प्रशिक्षण में कृषि विभाग, राजस्व विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य जिले में चल रही फार्मर रजिस्ट्री अद्यतन प्रक्रिया को सुचारू, पारदर्शी तथा समयबद्ध तरीके से संचालित करना था। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान ई-केवाईसी तथा फार्मर रजिस्ट्री से संबंधित सभी तकनीकी एवं कार्यप्रणालीगत पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। जिला पदाधिकारी ने प्रतिभागियों से उनके क्षेत्र में आने वाली समस्याओं, ई-केवाईसी में तकनीकी बाधाओं, किसानों की दस्तावेजी स्थिति तथा अन्य प्रशासनिक चुनौतियों के संबंध में फीडबैक प्राप्त किया। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी संबंधित विभाग टीम बनाकर एक व्यवस्थित शेड्यूल तैयार करें तथा निर्धारित क्षेत्र में शिविर (कैंप) आयोजित करने से न्यूनतम तीन दिन पूर्व किसानों को सूचना उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। डीएम श्री मिश्र ने कहा कि शिविरों का आयोजन कैंप मोड में किया जाए ताकि अधिकतम संख्या में किसानों का ई-केवाईसी एवं रजिस्ट्री अद्यतन कार्य शीघ्रता से पूरा हो सके। इसके लिए किसान सलाहकार, कृषि समन्वयक, हल्का कर्मचारी तथा ऑपरेटर मिलकर टीम के रूप में कार्य करेंगे। जिला पदाधिकारी ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि जिन किसानों की जमाबंदी अद्यतन नहीं है या जिनकी पहचान (आधार/मोबाइल नंबर) से लिंक नहीं है, उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे—पीएम किसान निधि, खाद्यान्न वितरण, फसल क्षति भुगतान, बाढ़ राहत भुगतान आदि के लाभ प्राप्त करने में गंभीर समस्या हो सकती है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी 2026 के बाद ऐसी अनट्रेस या अप्रमाणित जमाबंदियों को रद्द किया जा सकता है। अतः किसानों को तुरंत अपनी जमाबंदी एवं पहचान विवरण को सत्यापित करवाना अति आवश्यक है। जिला पदाधिकारी ने कहा कि फार्मर रजिस्ट्री अद्यतन न केवल किसान हित में है बल्कि जिले के समग्र औद्योगिक एवं भूमि विकास से भी जुड़ा हुआ है। भूमि संबंधी रिकॉर्ड सही एवं अद्यतन रहने से भविष्य की विकास परियोजनाओं के सुचारू क्रियान्वयन में सहायता मिलती है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि फार्मर रजिस्ट्री एवं ई-केवाईसी कार्यों की नियमित समीक्षा की जाए तथा प्रत्येक टीम अपने निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप प्रतिदिन की प्रगति रिपोर्ट उपलब्ध कराए। इस अवसर पर अपर समाहर्ता नीरज कुमार, उप विकास आयुक्त सुमित कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी कुंदन कुमार सहित विभिन्न विभागों के पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे।

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