जिला में मृदा दिवस पर व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम, किसानों के बीच मृदा स्वास्थ्य कार्ड (SHC) का वितरण।
लखीसराय

लखीसराय – शुक्रवार 05 नवंबर मृदा दिवस (World Soil Day) के अवसर पर रामगढ़ प्रखंड स्थित कृषि कार्यालय में जिला पदाधिकारी श्री मिथिलेश मिश्र द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card – SHC) वितरित किए गए। इस अवसर पर उन्होंने
संतुलित मात्रा में उर्वरक के प्रयोग, पराली नहीं जलाने, जैविक तरीकों को अपनाने तथा मिट्टी की उर्वराशक्ति बनाए रखने से संबंधित कई महत्वपूर्ण सुझाव किसानों के साथ साझा किए। जिला पदाधिकारी श्री मिथिलेश मिश्र ने कहा कि मिट्टी कृषि की आधारशिला है और उसका संरक्षण आवश्यक है। उन्होंने बताया कि अधिक मात्रा में
रासायनिक उर्वरक एवं पेस्टीसाइड के उपयोग से न केवल मृदा और जल प्रदूषित होते हैं, बल्कि मानव स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसी गंभीर परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए विश्व स्तर पर मृदा दिवस मनाया जाता है, ताकि किसान मिट्टी की सेहत को समझें और इसके वैज्ञानिक प्रबंधन की दिशा में कदम बढ़ाएं। राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के संयुक्त प्रयास से जिले में व्यापक स्तर
पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया जा रहा है। जिला कृषि कार्यालय के निर्देशन में कृषि विभाग के कर्मी किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने संग्रहित कर प्रयोगशाला में परीक्षण करते हैं। जांच रिपोर्ट में मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों—जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश, सल्फर, जिंक, बोरान आदि की मात्रा का विवरण
दर्ज किया जाता है। इन्हीं आधारों पर तैयार मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को प्रदान कर उन्हें वैज्ञानिक ढंग से उर्वरक के उपयोग के लिए मार्गदर्शन दिया जाता है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि संतुलित उर्वरक उपयोग से किसानों की लागत में कमी आती है और फसल उत्पादन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है। साथ ही मिट्टी, जल एवं
पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिससे खेतों में जैविक पदार्थों का संरक्षण सुनिश्चित हो सके। मृदा दिवस के उपलक्ष्य में आज जिले के सभी सात प्रखंडों—लखीसराय, बड़हिया, रामगढ़, पिपरिया, सूर्यमण्डल, कियरी और
बाराही में विशेष कैंप आयोजित किए गए। इन शिविरों में किसानों को SHC वितरित किए गए एवं मृदा परीक्षण, उर्वरक प्रबंधन, जैविक खेती और उन्नत कृषि तकनीकों पर परामर्श दिया गया। जिले के लिए निर्धारित 4,000 मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरण लक्ष्य के विरुद्ध अब तक 2,500 कार्ड किसानों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं। किसानों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि SHC मिलने से उन्हें अपनी मिट्टी की प्रकृति एवं
आवश्यकता को समझने में मदद मिलती है, जिससे वे बेहतर कृषि योजना बना पाते हैं। कार्यक्रम में जिला पदाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त श्री सुमित कुमार, निदेशक जिला ग्रामीण विकास अभिकरण श्री
नीरज कुमार, जिला कृषि पदाधिकारी श्री कुंदन कुमार, अनुमंडल कृषि पदाधिकारी श्री श्रवण कुमार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक श्री राजीव कुमार, जीविका से संबंधित पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय कृषि कर्मी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।




