गया में मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम 2025 का भव्य शुभारंभ केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने द्वारा फीता काटकर।
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गया – शहर के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को मगध पुस्तक मेला सह सांस्कृतिक कार्यक्रम 2025 का भव्य उद्घाटन केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने फीता काटकर किया। उद्घाटन समारोह में शिक्षा, साहित्य और
संस्कृति जगत से जुड़े अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे। इस अवसर पर गांधी मैदान पुस्तक प्रेमियों, विद्यार्थियों और बुद्धिजीवियों से गुलजार नजर आया। कार्यक्रम में बिहार विधानसभा अध्यक्ष डॉ. प्रेम कुमार
विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि पुस्तकें समाज को सही दिशा देने का कार्य करती हैं और युवा पीढ़ी को पुस्तकों से जुड़ना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि किताबें विचारों को
समृद्ध करती हैं और व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। लघु जल संसाधन मंत्री डॉ. संतोष कुमार सुमन ने कहा कि पुस्तक मेले ज्ञान के आदान-प्रदान का सशक्त माध्यम होते हैं। ऐसे आयोजनों से समाज में बौद्धिक चेतना का विस्तार होता है और
पढ़ने की संस्कृति को बढ़ावा मिलता है। शैक्षणिक विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित मगध विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. डॉ. विनोद कुमार मंगलम ने शिक्षा और संस्कृति के आपसी संबंध पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पुस्तकें ही किसी भी सभ्यता की पहचान होती हैं। वहीं बोधगया मठ के स्वामी विवेकानंद गिरी ने भारतीय
संस्कृति में साहित्य के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि साहित्य हमारे संस्कारों और मूल्यों को जीवित रखता है। सम्मानित अतिथियों में पूर्व सांसद (औरंगाबाद) सुशील कुमार सिंह, अतरी विधायक रोमित कुमार, टिकारी विधायक अजय कुमार दांगी तथा गया नगर निगम के मुख्य महापौर वीरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।
अतिथियों ने संयुक्त रूप से कहा कि इस तरह के पुस्तक मेले न केवल साहित्य को बढ़ावा देते हैं, बल्कि स्थानीय लेखकों, प्रकाशकों और कलाकारों को भी अपनी प्रतिभा प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. कुमार करण ने कहा कि किताबें बच्चों के मानसिक, बौद्धिक और नैतिक विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों को मोबाइल और डिजिटल माध्यमों से हटाकर पुस्तकों की ओर प्रेरित करें। उद्घाटन समारोह के उपरांत सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू हुई, जिसमें स्थानीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। पुस्तक मेले में विभिन्न प्रकाशकों द्वारा लगाए गए स्टॉलों पर शैक्षणिक, साहित्यिक, धार्मिक और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित पुस्तकों की व्यापक श्रृंखला उपलब्ध कराई गई है। आयोजकों का मानना है कि इस पुस्तक मेले के माध्यम से गया में साहित्यिक चेतना को नई ऊर्जा मिलेगी और पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा।




