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गया जिला परिषद की सामान्य स्थाई समिति की बैठक में अधिकारियों की गैरहाज़िरी पर नाराज़गी।

गया

गया – गया जिला परिषद के सभागार में सोमवार को जिला परिषद की सामान्य स्थाई समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में योजनाओं के क्रियान्वयन, कार्य क्षमता, आंतरिक आय एवं जनहित से जुड़े विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। हालांकि बैठक के दौरान कई विभागों के अधिकारियों की अनुपस्थिति के कारण कार्यवाही प्रभावित रही, जिससे जिला परिषद सदस्यों में गहरी नाराज़गी देखने को मिली। बैठक में जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है, बल्कि लगातार देखा जा रहा है कि सामान्य स्थाई समिति की बैठकों में कई अधिकारी अनुपस्थित रहते हैं। इससे न केवल योजनाओं की समीक्षा प्रभावित होती है, बल्कि जनहित से जुड़े मामलों पर भी ठोस निर्णय नहीं हो पाता। सदस्यों ने मांग की कि बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और जिला परिषद अध्यक्ष द्वारा उनसे शो-कॉज कर स्पष्टीकरण मांगा जाए। बैठक में यह भी मुद्दा उठा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 एवं 2025-26 में जिला परिषद द्वारा योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए अपनाई गई टेंडर प्रक्रिया अत्यंत जटिल साबित हुई है। इसके कारण कई विकासात्मक योजनाएं अनावश्यक रूप से लंबित रह गई हैं। सदस्यों का कहना था कि योजनाओं में हो रही देरी का सीधा असर आम जनता पर पड़ रहा है और उन्हें समय पर अपेक्षित लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिला परिषद अध्यक्ष नैना कुमारी एवं उपाध्यक्ष शीतल यादव ने अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराज़गी जताते हुए कहा कि जिला परिषद के सदस्य दूर-दराज और सुदूरवर्ती क्षेत्रों से आते हैं। वे अपने-अपने क्षेत्रों की समस्याएं और योजनाओं से जुड़े मुद्दे बैठक में रखते हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों के मौजूद न रहने के कारण समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। उन्होंने बताया कि आज की बैठक में जिला शिक्षा पदाधिकारी, बिजली विभाग के अधिकारी सहित कई विभागों के प्रतिनिधि अनुपस्थित रहे। इस संबंध में सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से मांग की गई कि लगातार अनुपस्थित रहने वाले अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में बैठकों की गंभीरता बनी रहे और योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन हो सके। बैठक के अंत में जिला परिषद ने स्पष्ट किया कि जनहित से जुड़े कार्यों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और विकास योजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करना प्राथमिकता होगी।

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