एनडीए की जीत पर आयोजित जदयू कार्यक्रम में हंगामा, दो गुटों में झड़प, मंत्री ने दी सफाई।
नालंदा

नालंदा – विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में बिहार शरीफ के सोगरा स्कूल मैदान में जदयू द्वारा कार्यकर्ता आभार समारोह सह सदस्यता अभियान समीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य चुनाव में निष्ठा और समर्पण से
कार्य करने वाले पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मानित करना था। कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा था, लेकिन इसी दौरान जदयू के दो गुटों के बीच मंच के सामने कहासुनी हो गई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और गाली-गलौज में तब्दील हो गई। इससे कुछ देर के लिए कार्यक्रम
स्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कार्यक्रम में मौजूद जदयू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि अस्थावां विधायक डॉ. जितेंद्र कुमार द्वारा सम्मान समारोह में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को बुलाकर मंच पर सम्मानित किया गया। इसी बात को लेकर कुछ
कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया, जिसके बाद जदयू के दो गुट आमने-सामने आ गए। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं का कहना था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कार्यकर्ताओं को सम्मानित करने का उद्देश्य सराहनीय है, लेकिन अस्थावां विधानसभा क्षेत्र में जदयू विधायक द्वारा
दोहरी नीति अपनाई जा रही है। उनका आरोप है कि जिले के विभिन्न प्रकोष्ठों के जिलाध्यक्ष और प्रखंड अध्यक्षों को बुलाए जाने के बावजूद कार्यक्रम में केवल एक खास गुट के कार्यकर्ताओं को ही सम्मानित किया गया। कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि पार्टी के निष्ठावान और जमीनी कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर
साइबर माफिया और शराब माफिया से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया, जिसे लेकर उन्होंने विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि इससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं, पूरे मामले पर सफाई देते हुए सामाजिक कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों को पहले ही चिन्हित कर लिया गया था और ऐसे किसी भी व्यक्ति को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं
किया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने कार्यक्रम के दौरान हंगामा किया, वही लोग चुनाव के समय पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं। मंत्री मदन सहनी ने यह भी बताया कि इस पूरे मामले को लेकर अस्थावां विधायक की ओर से संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन में अनुशासन सर्वोपरि है और अनुशासनहीनता किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। घटना के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने स्थिति को संभाला और कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। हालांकि इस घटनाक्रम ने जदयू के अंदरूनी मतभेदों को एक बार फिर उजागर कर दिया है।




