दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की बड़ी खेप बरामद, आरपीएफ की कार्रवाई, वन विभाग को सौंपे गए कछुए।
गया

गया- रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने वन्यजीव तस्करी के खिलाफ अभियान ऑपरेशन विलेप के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है। गया जंक्शन पर गश्त के दौरान आरपीएफ की संयुक्त टीम ने ट्रेन संख्या 13010 दून एक्सप्रेस से 102 जिंदा कछुओं की खेप बरामद की है।
बरामद कछुओं की अनुमानित कीमत करीब 51 लाख रुपये बताई जा रही है। सभी कछुओं को सुरक्षित रूप से गया वन विभाग को सौंप दिया गया है। यह कार्रवाई गुरुवार रात करीब 10:30 बजे की है। वरीय अधिकारियों के निर्देश पर आरपीएफ पोस्ट गया के निरीक्षक प्रभारी
बनारसी यादव एवं निरीक्षक चंदन कुमार (अपराध आसूचना शाखा, गया) के नेतृत्व में स्टेशन परिसर में अपराध नियंत्रण एवं निगरानी हेतु संयुक्त गश्त की जा रही थी। इसी दौरान प्लेटफॉर्म संख्या तीन पर खड़ी दून एक्सप्रेस के एस-3 कोच की जांच की गई। जांच के
दौरान कोच में रखे पांच पिठू बैग और एक झोला संदिग्ध अवस्था में पाए गए। जब टीम ने बैग खोलकर देखा तो उनमें 102 जिंदा कछुए मिले। आसपास बैठे यात्रियों से पूछताछ की गई, लेकिन किसी ने भी इन बैगों पर अपना दावा नहीं किया। इसके बाद आरपीएफ ने सभी बैगों को जब्त कर कछुओं को सुरक्षित रूप से आरपीएफ पोस्ट
गया लाया। आरपीएफ थाना प्रभारी बनारसी यादव ने बताया कि कछुआ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित एवं अमूल्य प्रजाति है। प्रारंभिक जांच में यह मामला अंतरराज्यीय वन्यजीव तस्करी से जुड़ा प्रतीत हो रहा है। मामले की सूचना तत्काल गया वन विभाग को दी गई। सूचना पर वन विभाग की रेंज अधिकारी आरती
कुमारी आरपीएफ पोस्ट पहुंचीं, जहां सभी कछुओं को अग्रिम कार्रवाई एवं संरक्षण के लिए वन विभाग को सुपुर्द कर दिया गया। इस संयुक्त अभियान में आरपीएफ के सहायक उप निरीक्षक पवन कुमार, आरक्षी राकेश कुमार सिंह, अमित कुमार, देवेंद्र प्रसाद, सहायक निरीक्षक अनिल कुमार चौधरी, प्रधान आरक्षी महेश ठाकुर, आरक्षी विपिन कुमार, उप निरीक्षक मुकेश कुमार एवं सीपीडीएस टीम गया की अहम भूमिका रही। आरपीएफ अधिकारियों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल न केवल यात्रियों की सुरक्षा के लिए, बल्कि वन्यजीव संरक्षण और तस्करी पर रोक लगाने के लिए भी लगातार सक्रिय है। इस कार्रवाई से तस्करों को बड़ा झटका लगा है और आगे भी ऐसे अभियानों को और तेज किया जाएगा। गौरतलब है कि बीते सोमवार को भी आरपीएफ ने नेताजी एक्सप्रेस के जनरल कोच से 76 जिंदा कछुए बरामद किए थे, जिसमें अज्ञात तस्करों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई थी।




