बिहार विधान परिषद् में बड़ा सियासी ड्रामा, राबड़ी देवी का वॉकआउट—सरकार पर लगाए इमरजेंसी जैसे हालात के आरोप।
पटना

पटना- बिहार विधान परिषद् में सोमवार को उस समय सियासी सरगर्मी चरम पर पहुँच गई, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी अचानक सदन से वॉकआउट कर बाहर आ गईं।
वॉकआउट के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला। राबड़ी देवी ने कहा कि प्रदेश में “इमरजेंसी जैसे हालात” पैदा कर दिए गए हैं, जहाँ विपक्ष को अपनी बात रखने तक नहीं दिया जा रहा।
उन्होंने आरोप लगाया कि सत्ता पक्ष लोकतांत्रिक परंपराओं को ताक पर रखकर विपक्ष की आवाज दबाने में जुटा है। राबड़ी देवी के वॉकआउट के तुरंत बाद सदन के बाहर राजनीतिक बयानबाज़ी तेज होती दिखी। मौके
पर मौजूद अनुभवी राजद नेता और परिषद् सदस्य अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि सत्ता पक्ष “लोकतंत्र की हत्या” कर रहा है। उन्होंने कहा, “सदन में विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा। हमारे सवालों को लगातार दबाया जा रहा है। ऐसा माहौल पहले कभी नहीं देखा।
यह बिल्कुल आपातकाल जैसा है।” सिद्दीकी ने कहा कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने पहली बार सदन में इस तरह का असहज और गैर-लोकतांत्रिक माहौल देखा है। दूसरी ओर, सरकार की तरफ से लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन ने विपक्ष के आरोपों को
खारिज कर दिया। उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह अनर्गल आरोप लगाकर राजनीतिक जमीन तलाशने की कोशिश कर रहा है। सुमन ने कहा कि जनता ने चुनाव में विपक्ष को नकार दिया है और इसी हताशा में वे सदन की कार्यवाही में व्यवधान पैदा कर रहे हैं। दिन भर चली इस राजनीतिक खींचतान के बीच सदन की कार्यवाही कई बार बाधित हुई और माहौल अत्यंत तनावपूर्ण रहा।




