वन्दे मातरम् का सामूहिक गायन : राष्ट्रीय चेतना एवं कर्तव्य बोध को मजबूत करने का संदेश।
लखीसराय

लखीसराय – समाहरणालय लखीसराय के मंत्रणा कक्ष में शुक्रवार 07 नवंबर जिला पदाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी श्री मिथिलेश मिश्र की अध्यक्षता में “वन्दे मातरम्” का सामूहिक गायन किया गया। इस अवसर पर जिला जनसंपर्क कार्यालय के साथ सभी अनुभागों के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।
इस सामूहिक कार्यक्रम का उद्देश्य राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत के प्रति सम्मान, राष्ट्रीय चेतना, कर्तव्य बोध तथा संवैधानिक मर्यादाओं के अनुरूप सरकारी तंत्र के व्यवहारिक अनुशासन को सुदृढ़ बनाना था।
कार्यक्रम के दौरान जिला पदाधिकारी श्री मिश्र ने वन्दे मातरम् के ऐतिहासिक महत्व एवं राष्ट्रीय अस्मिता में इसकी भूमिका पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह गीत केवल एक राष्ट्रगीत नहीं, बल्कि “भारत माता की वंदना, मातृभूमि के प्रति समर्पण, जनसेवा के प्रति निष्ठा और राष्ट्रहित सर्वोपरि” की भावना का प्रतीक है।
श्री मिश्र ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वन्दे मातरम् एक ऊर्जा, एक संगठन और एक राष्ट्रीय चेतना का प्रतीक बन गया था। यह गीत “राष्ट्र सेवा के लिए मन, बुद्धि और कर्म की प्रतिज्ञा” है। उन्होंने सभी सरकारी कर्मियों से कहा कि सरकारी सेवा में कार्यरत प्रत्येक अधिकारी एवं कर्मचारी जनता से किए गए वायदे, संवैधानिक कर्तव्यों और कानून के शासन के प्रति समर्पित रहें। शासन तंत्र का उद्देश्य “Outcome Oriented Governance” है—जिसका लक्ष्य जनता को समय पर, पारदर्शी, त्वरित एवं न्यायपूर्ण सेवा उपलब्ध कराना है।
जिला पदाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी देश का प्रतिनिधि है, और उसके आचरण, व्यवहार, भाषा, समयपालन व जिम्मेदारी से ही सरकार की छवि बनती है। कार्यक्रम के अंत में श्री मिश्र ने कहा—“वन्दे मातरम् केवल गीत नहीं, यह राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिज्ञा है, जिसे हमें प्रतिदिन अपने कार्य के व्यवहार में उतारना चाहिए।” इस अवसर पर उप निर्वाचन पदाधिकारी सुश्री पम्मी रानी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री रवि कुमार सहित समाहरणालय के सभी अनुभागों के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।





