विश्व धरोहर सप्ताह-2025 के तहत धरोहर क्विज एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का सफल आयोजन, छात्रों ने उरैन पहाड़ी पर बौद्ध धरोहरों का किया अवलोकन।
लखीसराय

लखीसराय – विश्व धरोहर सप्ताह-2025 के अवसर पर आज दिनांक 22.11.2025 को सूर्यगढ़ा प्रखंड के कजरा शिक्षांचल अन्तर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय नवकाडीह उरैन में धरोहर (विरासत) क्विज, पेंटिंग
प्रतियोगिता एवं हेरिटेज वाक का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में ऐतिहासिक विरासतों के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा स्थानीय धरोहरों के महत्व को समझाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत लखीसराय गान के सामूहिक गायन के साथ हुई। जिला प्रशासन द्वारा नामित समन्वयक शिक्षक श्री पीयूष कुमार झा एवं विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री विमल कुमार हिमांशु के निर्देशन में
सर्वप्रथम विरासत क्विज का आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता में प्रतिभागी छात्र-छात्राओं ने विश्व, भारत, बिहार एवं लखीसराय जिले की प्रमुख धरोहरों से संबंधित 50 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की परीक्षा दी। क्विज के उपरांत नोडल शिक्षक श्री पीयूष कुमार झा ने सभी प्रश्नों के उत्तरों
को विस्तारपूर्वक समझाते हुए छात्रों को धरोहरों के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व से अवगत कराया।
इसके बाद कला शिक्षक श्री सुमित कुमार के मार्गदर्शन में धरोहर पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों ने स्थानीय एवं वैश्विक धरोहरों पर आधारित अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति प्रस्तुत की।
प्रतियोगिताओं के बाद विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं छात्रों के साथ उरैन पहाड़ी की ओर हेरिटेज वाक का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों ने पहाड़ी पर स्थित बौद्ध अवशेषों, प्राचीन प्रतीकों एवं शिलालेखों का प्रत्यक्ष अवलोकन किया। हेरिटेज वाक के दौरान शिक्षकगणों ने इन धरोहरों के पुरातात्विक महत्व, संरक्षण की जरूरत तथा स्थानीय इतिहास में इनके योगदान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर छात्रों को धरोहर संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई, जिसमें उन्होंने प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासतों को सुरक्षित रखने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के अंत में क्विज एवं पेंटिंग प्रतियोगिता के सफल प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाणपत्र प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
छात्रों को संबोधित करते हुए नोडल शिक्षक श्री पीयूष कुमार झा ने कहा कि धरोहर किसी भी देश और समाज की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक पहचान का अभिन्न हिस्सा होती हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं में धरोहरों के प्रति जागरूकता और सम्मान का भाव भविष्य में इनके संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने छात्रों को स्थानीय धरोहरों के अध्ययन और संरक्षण कार्यों में सक्रिय भागीदारी हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन विद्यार्थियों द्वारा वंदे मातरम् के जयघोष के साथ हुआ।





