राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर समाहरणालय लखीसराय में हुआ समारोह, बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वसनीयता पर हुई चर्चा।
लखीसराय

“बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वनीयता की रक्षा” पर मुख्य फोकस
लखीसराय (सुजीत कुमार)- समाहरणालय लखीसराय स्थित मंत्रणा कक्ष में आज पूर्वाह्न 11 बजे राष्ट्रीय प्रेस दिवस का आयोजन गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था।
इस अवसर पर जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र, उप विकास आयुक्त (ADM) नीरज कुमार, आरक्षी अधीक्षक अजय कुमार, तथा सूचना जन संपर्क पदाधिकारी रवि कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण द्वारा की गई। कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों और पत्रकारों ने इस वर्ष के मूल विषय “बढ़ती भ्रामक सूचनाओं के बीच प्रेस की विश्वनीयता की रक्षा”
पर विस्तृत विचार-विमर्श किया।जिलाधिकारी ने कहा कि सोशल मीडिया के विस्तार के कारण खबरों की गति तेजी से बढ़ी है, परंतु इसी के साथ भ्रामक एवं अपुष्ट सूचनाओं का चुनौतीपूर्ण प्रसार भी बढ़ा है। ऐसे में आवश्यक है कि मीडिया घराने किसी भी खबर को प्रकाशित/प्रसारित करने से पूर्व उसकी पूरी तरह तथ्यात्मक पुष्टि करें। ADM नीरज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आज बहुत कुछ परोस रहे हैं, जिनमें से कई सूचनाएँ तथ्यों से परे होती हैं। ऐसी स्थिति में प्रशासन और मीडिया के बीच सशक्त समन्वय ही समाधान है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी खबर की सत्यता पर संदेह हो तो पत्रकारों को प्रशासन से पुष्टि अवश्य लेनी चाहिए ताकि गलत, भ्रामक या उत्तेजक खबरें प्रकाशन से बच सकें।आरक्षी अधीक्षक अजय कुमार ने भी कहा कि
अफवाहों और अपुष्ट खबरों के प्रसार से कानून-व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। इसलिए मीडिया को सावधानीपूर्वक काम करना चाहिए। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अनुच्छेद 19(1)(b) का उल्लेख सूचना
पदाधिकारी रवि कुमार ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रेस की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भारत के संविधान में निहित है, परंतु इसके साथ कुछ नैतिक एवं विधिक सीमाएँ भी जुड़ी हैं। उन्होंने अनुच्छेद 19(1)(b) का उल्लेख करते हुए बताया कि पत्रकारिता का मूल उद्देश्य सत्य, निष्पक्षता और संतुलन बनाए रखना है।
उन्होंने कहा कि यह समझना महत्वपूर्ण है कि—खबर कैसी हो, कैसे प्रस्तुत की जाए और इससे समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा। इन्हीं मानदंडों के अनुसार पत्रकारों को अपनी ज़िम्मेदारी निभानी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी नारायण ने सभी अधिकारियों और पत्रकारों का धन्यवाद
ज्ञापन किया तथा कहा कि राष्ट्रीय प्रेस दिवस हम सभी को यह याद दिलाता है कि विश्वसनीय और नैतिक पत्रकारिता लोकतंत्र की सबसे मज़बूत आधारशिला है।





