मुख्यमंत्री ने महिला रोजगार योजना के तहत 10 लाख लाभुकों को दिया आर्थिक बल, प्रत्येक के खाते में 10 हजार की राशि का हस्तांतरण।
जमुई

जमुई- मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के तहत शुक्रवार को आयोजित राज्यव्यापी कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 10 लाख महिला लाभुकों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से 10-10 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित की। कुल 1000 करोड़ रुपये की यह राशि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। पटना में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्री विजय कुमार चौधरी तथा श्रवण कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सीधा प्रसारण बिहार के
सभी जिलों, प्रखंडों तथा जीविका संगठनों के बीच दिखाया गया। समाहरणालय जमुई स्थित संवाद कक्ष में इस कार्यक्रम को बड़े स्तर पर आयोजित किया गया, जहां झाझा विधायक श्री दामोदर रावत, जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री विनोद प्रसाद, डीपीएम जीविका श्री संजय कुमार सहित कई जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं जीविका समूह से जुड़ी सैकड़ों दीदियां उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के दौरान दरभंगा, भागलपुर और पश्चिमी चंपारण की तीन जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री से सीधे संवाद कर अपने अनुभव साझा किए। राशि हस्तांतरण के उपरांत वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी वर्गों के विकास के लिए सरकार समर्पित है। महिला सशक्तीकरण हमारी प्राथमिकता रही है। आशा है कि महिलाएं इस राशि का उपयोग कर अपनी पसंद का रोजगार आरंभ करें और बिहार के विकास में योगदान दें। जीविका के जिला परियोजना प्रबंधक संजय कुमार ने बताया कि जमुई जिले में अब तक कुल 2,66,281 महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है, जिनमें ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कई महिलाएं इस सहायता राशि के माध्यम से पशुपालन, किराना दुकान, ब्यूटी पार्लर, सिलाई-कढ़ाई सहित विभिन्न स्व-रोजगार शुरू कर चुकी हैं। जिले में इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 10 प्रखंड कार्यालयों, 31 संकुल स्तरीय संघों तथा 1278 ग्राम संगठनों में भी किया गया, जहां 85 हजार से अधिक महिलाओं ने कार्यक्रम को देखा और सुना। महिलाओं में इस कार्यक्रम को लेकर भारी उत्साह देखने को मिला। सरकार के अनुसार इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर आत्मनिर्भर बनाना तथा रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है।




