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हाईकोर्ट के आदेश पर बेघर होने की आशंका, भाकपा का समाहरणालय के समक्ष प्रदर्शन, नालंदा के शिवनंदन नगर में सैकड़ों परिवारों पर संकट गहराया।

नालंदा

नालंदा- नई सरकार के गठन के केवल एक सप्ताह बाद ही गरीबों को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। नालंदा जिले के रहुई प्रखंड के सोनसा पंचायत स्थित शिवनंदन नगर में दशकों से रह रहे सैकड़ों परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने इन्हें 26

नवंबर तक स्थल खाली करने का नोटिस जारी किया है, जिसके विरोध में सोमवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) ने जिला समाहरणालय के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी सड़क पर उतर आए और कुछ देर के लिए मुख्य सड़क मार्ग भी जाम कर दिया।

भाकपा नेता शिवकुमार यादव ने आरोप लगाया कि रहुई के अंचलाधिकारी की मिलीभगत से दलित और महादलित परिवारों को जबरन हटाने की साजिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि “सरकार ने भूमिहीनों को पाँच डिसमिल जमीन देने का वादा किया था, लेकिन आज

तक किसी को जमीन नहीं मिली। अब बिना पुनर्वास के ही इन परिवारों को उजाड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।” भाकपा ने मांग की है कि जब तक राज्य सरकार 20-20 के समूह में योग्य श्रेणी की जमीन व आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध नहीं कराती, तब तक किसी भी महादलित परिवार को शिवनंदन नगर

से न हटाया जाए। दलित-गरीब परिवारों ने भी प्रशासन पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और कहा कि उन्हें बिना विकल्प दिए बेघर किया जा रहा है। पार्टी ने चेतावनी दी कि यदि गरीब परिवारों को अतिक्रमण के नाम पर परेशान किया गया, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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