बिछवे एवं घोषीकुंडी में हेरिटेज वाक का आयोजन, धरोहर परिभ्रमण से छात्र हुए लाभान्वित, संस्कृति संरक्षण का लिया संकल्प।
लखीसराय

लखीसराय – विश्व धरोहर सप्ताह के तहत जिले के चानन प्रखंड अंतर्गत उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिछवे और उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय घोषीकुंडी में गुरुवार को भव्य हेरिटेज वाक का आयोजन किया गया। इस
परिभ्रमण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों तथा स्थानीय बुद्धिजीवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का संदेश प्रसारित किया। बिछवे विद्यालय में समन्वय
शिक्षक पीयूष कुमार झा के मार्गदर्शन में छात्रों की टोली विद्यालय परिसर से जागरूकता रैली के रूप में निकली। रैली के दौरान छात्रों ने धरोहर संरक्षण पर आधारित नारे लगाते हुए लोगों को अपनी विरासत की रक्षा करने का
संदेश दिया। हेरिटेज वाक की पहली कड़ी में छात्र राजकीय बिछवे पहाड़ी स्थित प्राचीन बौद्ध विहार पहुँचे। यहाँ छात्रों ने बौद्ध संस्कृति, स्थापत्य कला एवं पुरातात्विक महत्व से जुड़ी तथ्यों की जानकारी प्राप्त की।
विहार के अवशेषों को करीब से देखकर छात्र रोमांचित दिखे। इसके बाद परिभ्रमण दल सिंगारपुर स्थित प्राचीन रामेश्वर धाम पहुँचा, जहाँ मंदिर परिसर की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मंदिर कमेटी
के सदस्य सीताराम सिंह एवं रामाधार सिंह ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि “धरोहरों का संरक्षण केवल सरकारी दायित्व नहीं, बल्कि युवा पीढ़ी की भी जिम्मेदारी है। वे ही भविष्य में हमारी सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रख सकते हैं।” इसी क्रम में उत्क्रमित
उच्च माध्यमिक विद्यालय घोषीकुंडी में भी हेरिटेज वाक सम्पन्न हुआ, जिसका नेतृत्व विद्यालय के प्रधानाध्यापक दिनेश कुमार ने किया। यात्रा की शुरुआत स्थानीय प्राचीन मठ से हुई, जिसके बाद छात्रों ने पूरे घोषीकुंडी पहाड़ी क्षेत्र का परिभ्रमण किया। नोडल शिक्षक पीयूष कुमार झा ने
विद्यार्थियों को विभिन्न धरोहर स्थलों के सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक एवं शैक्षणिक महत्व के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। कार्यक्रम को सफल बनाने में शिक्षक मनोज कुमार, नीतू कुमारी, पिंकी कुमारी, कृष्णा कुमारी सहित कई शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। पूरे आयोजन के दौरान छात्रों में विशेष उत्साह देखा गया। प्राचीन धरोहरों को करीब से देखने और उनसे रूबरू होने
का अवसर उन्हें बेहद रोचक और ज्ञानवर्धक लगा। कार्यक्रम के अंत में विद्यार्थियों ने अपने क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखने का संकल्प लिया। यह हेरिटेज वाक केवल भ्रमण भर नहीं रहा, बल्कि छात्रों के लिए अपनी ऐतिहासिक जड़ों को समझने का एक महत्वपूर्ण अवसर सिद्ध हुआ। इससे न सिर्फ उनमें सांस्कृतिक संवेदनशीलता का विकास हुआ, बल्कि जिम्मेदारी और जागरूकता की भावना भी प्रबल हुई।




