बाल दिवस को लेकर स्कूलों में चाचा नेहरू की तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित कर बच्चों के बीच केक और चॉकलेट का वितरण।
लखीसराय

लखीसराय – भारत में हर वर्ष 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की जयंती का प्रतीक होता है। इसको
लेकर 14 नवंबर 2025 शुक्रवार को बाल दिवस को लेकर शिशु ज्ञान केंद्र सह पांडेय कोचिंग सेंटर इटौन चानन (लखीसराय) संग ज्ञान दीप एकेडमी सह जीवन
दीप कोचिंग सेंटर मलिया रोड मननपुर बाजार (लखीसराय), मैडोना इंग्लिश स्कूल मननपुर चानन (लखीसराय) और डीके ट्यूटोरियल कोचीन सेंटर एंड
लाइब्रेरी रामपुर रोड मननपुर बाजार (लखीसराय) में बच्चों के बीच चाचा नेहरू की तैलीय चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया और उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर
शिशु ज्ञान केंद्र के संचालक दीनानाथ पांडेय और ज्ञान दीप एकेडमी के संचालक सह प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन चानन प्रखंड सचिव सुनील कुमार
शर्मा और मैडोना इंग्लिश स्कूल के प्राचार्य सह प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन चानन प्रखंड अध्यक्ष अनिल प्रसाद, डीके ट्यूटोरियल कोचीन सेंटर एंड
लाइब्रेरी संचालक दिनेश कुमार ने बच्चों के बीच चॉकलेट और केक बाटकर खुशियां मनाई। इस अवसर पर इन सभी संचालकों ने कहा कि चाचा नेहरू बच्चों से
अत्यधिक प्रेम करते थे और बच्चों को देश का भविष्य मानते थे। बच्चों के प्रति उनके स्नेह के कारण ही उन्हें “चाचा नेहरू” कहा जाता है। उनके जन्मदिवस को ही
बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। सन 1950 और 60 के दशक में बच्चों के अधिकारों और उनके हितों पर वैश्विक चर्चा बढ़ने लगी। भारत में बच्चों के कल्याण के
प्रति नेहरू जी के योगदान और उनकी संवेदनशील सोच को देखते हुए 1964 में उनकी मृत्यु के बाद उनके जन्मदिन 14 नवंबर को बाल दिवस के रूप में मनाने का
निर्णय लिया गया। इससे पहले बाल दिवस अलग-अलग तिथियों पर मनाया जाता था, लेकिन 1964 के बाद यह पूरे देश में एकरूप हो गया। बाल दिवस का मुख्य उद्देश्य
बच्चों के अधिकारों, शिक्षा, पोषण, सुरक्षा और उनके समग्र विकास के प्रति समाज को जागरूक करना है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों को प्यार, सम्मान
और सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य और मनोरंजन के समान अवसर मिलने चाहिए। समाज और देश के निर्माण में बच्चों की महत्वपूर्ण
भूमिका होती है। इसको देश भर के स्कूलों, शिक्षण संस्थानों और विभिन्न संगठनों में इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कही सांस्कृतिक कार्यक्रम तो
कही खेल प्रतियोगिताएँ, कही चित्रकला व निबंध प्रतियोगिता तो कही बच्चों के बीच मिठाइयाँ, खिलौने, उपहार वितरण किया जाता हैं। दूसरी और बच्चों के
अधिकारों पर जागरूकता अभियान चलाते हुए कई संस्थान इस दिन बच्चों के लिए विशेष मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित कर उन्हें खुशियाँ बाँटते हैं। संचालकों
ने कहा कि बाल दिवस का मूल संदेश यही है कि “आज का बालक ही कल का भविष्य है।” यदि बच्चों को सही दिशा, शिक्षा और मूल्य प्राप्त हों, तो वे एक उज्ज्वल,
मजबूत और सशक्त भारत का निर्माण कर सकते हैं। इसलिए समाज का प्रत्येक वर्ग बच्चों के कल्याण में अपनी भूमिका निभाए। इस दौरान शिशु ज्ञान केंद्र सह
पांडेय कोचिंग सेंटर इटौन चानन (लखीसराय) के शिक्षक और शिक्षिका काजल कुमारी, पवन कुमार, ज्ञान दीप एकेडमी सह जीवन दीप कोचिंग सेंटर मलिया रोड
मननपुर बाजार (लखीसराय) के शिक्षक शिक्षिका शोभा कुमारी, सतीश कुमार, टुनटुन कुमार, श्याम सुंदर यादव, पंची शर्मा, सेजल कुमारी, प्रियंका कुमारी, प्रीति कुमारी,

किरण कुमारी, मैडोना इंग्लिश के शिक्षक शिक्षिकाओ में अभिषेक कुमार (डायरेक्टर), मनोज कुमार मंडल, बचनेश्वर मंडल, बादल राज, कृष्णनंदन कुमार, प्रियकांत
भारती, मनोज कुमार, नीतिन कुमार, रुकमणी देवी, माला देवी, खुशी कुमारी, निगम कुमारी शामिल हुए।




