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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 छठ के बाद दो चरणों में होगा मतदान, 14 नवंबर को मतगणना।

पटना

पटना – बिहार में इस साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनावों का कार्यक्रम आखिरकार तय हो गया है। राज्य में छठ पूजा के बाद दो चरणों में मतदान कराया जाएगा। चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार शाम चार बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की। इसके साथ ही राज्य में आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि बिहार में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर और कामकाजी लोग छठ पर्व के अवसर पर अपने घर लौटते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए मतदान कार्यक्रम छठ के बाद रखा गया है, ताकि सभी मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर सकें। कुल विधानसभा सीटें: 243 जिनमें सामान्य सीटें: 203, अनुसूचित जाति (SC) के लिए आरक्षित सीटें: 38, अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित सीटें: 2, कुल मतदाता: लगभग 7.43 करोड़, पहली बार मतदान करने वाले मतदाता (फर्स्ट टाइम वोटर्स): करीब 14 लाख, कुल मतदाता: लगभग 7.43 करोड़ होंगे। पहले चरण में कुल 121 सीटों पर मतदान होगा। इनमें इन जिलों में वोट डाले जाएंगे गोपालगंज, सीवान, सारण, भोजपुर, बक्सर, पटना, वैशाली, नालंदा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, शेखपुरा, बेगूसराय, लखीसराय, दरभंगा, सहरसा, खगड़िया, मुंगेर और मधेपुरा। इन क्षेत्रों को पहले चरण में इसलिए शामिल किया गया है क्योंकि यहां छठ पर्व के बाद मतदाताओं की वापसी जल्दी होती है और इन इलाकों में मतदान केंद्रों की संख्या अपेक्षाकृत अधिक है।दूसरे चरण में 122 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसमें ये जिले शामिल हैं: पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, जहानाबाद, अरवल, औरंगाबाद, रोहतास और कैमूर। दूसरे चरण में बिहार के सीमावर्ती और दक्षिणी हिस्सों के जिले शामिल किए गए हैं, जहां चुनावी तैयारियों में सुरक्षा बलों की अधिक आवश्यकता रहती है। दोनों चरणों के मतदान के बाद 14 नवंबर 2025 को पूरे राज्य में एक साथ मतगणना की जाएगी।

चुनाव आयोग के अनुसार, 16 नवंबर 2025 तक पूरी चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। इसके बाद नई विधानसभा के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही बिहार में आचार संहिता लागू हो गई है। अब राज्य सरकार किसी नई योजना की घोषणा, बजट आवंटन या नियुक्तियों जैसी गतिविधियाँ नहीं कर सकेगी। सभी सरकारी विज्ञापनों और घोषणाओं पर चुनाव आयोग की अनुमति अनिवार्य होगी। बिहार विधानसभा की कुल 243 सीटों के लिए यह चुनाव दो चरणों में संपन्न होगा। चुनाव आयोग ने बताया कि इस बार ईवीएम (EVM) और VVPAT मशीनों की संख्या बढ़ाई गई है ताकि मतदान प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी हो सके। इसके अलावा सुरक्षा के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की पर्याप्त तैनाती की जाएगी, खासकर संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में।मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा “हमने बिहार के त्योहारों और प्रवासी जनसंख्या के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए मतदान की तारीखें तय की हैं। हमारा उद्देश्य अधिकतम मतदान सुनिश्चित करना और शांतिपूर्ण चुनाव कराना है।” चुनाव कार्यक्रम घोषित होते ही बिहार का सियासी पारा चढ़ गया है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी रणनीति तेज़ कर दी है। विभिन्न दल अपने प्रत्याशियों के चयन और प्रचार योजनाओं को अंतिम रूप दे रहे हैं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 राज्य की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। छठ पर्व के बाद मतदान की तारीख तय कर चुनाव आयोग ने सामाजिक और सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान किया है। अब देखना यह होगा कि इस बार जनता किसे अपना जनादेश सौंपती है — वर्तमान सत्ता को या किसी नए विकल्प को।

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