
गिद्धौर – गिद्धौर प्रखंड में इन दिनों साइबर अपराधियों की सक्रियता चिंताजनक हो गया गिद्धौर के छात्र साहिल कुमार ने लगाते हुए बताया कि कभी ई-श्रम कार्ड की केवाईसी के नाम पर, तो कभी छात्रवृत्ति फॉर्म भरने के बहाने, स्थानीय साइबर माफिया खुलेआम लोगों की जेब काट रहे हैं। हालात ऐसे हैं कि गिद्धौर के विभिन्न स्कूलों में
10वीं और 12वीं की छात्राओं से अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की स्कॉलरशिप का फॉर्म भरने के नाम पर 100 से 200 रुपये तक वसूले जा रहे हैं। साहिल ने बताया कि अजीम प्रेमजी फाउंडेशन की ओर से वर्ष 2025-26 के लिए 30,000 रुपये वार्षिक छात्रवृत्ति योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत केवल वे
छात्राएं पात्र हैं जो बिहार, झारखंड, असम आदि राज्यों की निवासी हों। जिन्होंने वर्ष 2025 में 10वीं या 12वीं की परीक्षा सरकारी मान्यता प्राप्त विद्यालय से उत्तीर्ण की हो और स्नातक डिग्री या 2 से 5 वर्ष की अवधि वाले डिप्लोमा कोर्स में 2025 में नामांकन कराया हो। महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं रखा गया है। सभी सरकारी कॉलेजों को निर्देशित किया गया है कि एक विशेष काउंटर बनाकर पात्र छात्राओं का फॉर्म निःशुल्क भरा जाए। चयन प्रक्रिया पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर होगी। विस्तृत नियम फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। साहिल कुमार ने मांग की कि गिद्धौर के महाराज चंद्रचूड़ विद्यामंदिर के प्रभारी प्राचार्य मो मंजूर आलम और कंप्यूटर शिक्षक छात्रों को इस ठगी से सचेत करें। उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध नोटिफिकेशन और नियमावली पढ़ने तथा समझने के लिए मार्गदर्शन देना चाहिए। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर स्कूल प्रबंधन और अभिभावक सतर्क नहीं हुए, तो ऐसे साइबर माफिया मासूम छात्राओं को आसानी से शिकार बनाते रहेंगे।




