राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन : 2132 मामलों का निस्तारण, 3.81 करोड़ का हुआ समझौता।
औरंगाबाद

औरंगाबाद – जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के तत्वावधान में शनिवार को व्यवहार न्यायालय, औरंगाबाद एवं अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय, दाउदनगर में राष्ट्रीय लोक अदालत का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर न्याय, समन्वय और जनहित की भावना को प्रमुखता दी गई। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए जिला जज राज कुमार ने कहा कि “राष्ट्रीय लोक अदालत न्याय पाने का पर्व है। यह सिर्फ विवादों का समाधान नहीं बल्कि समाज में सामंजस्य का प्रतीक है।” उन्होंने मीडिया सहित सभी सहयोगियों की भूमिका की
सराहना की और कहा कि जागरूकता फैलाने में मीडिया की अहम भागीदारी है। इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय अरुण कुमार, जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश विश्व विभूति गुप्ता, प्रभारी जिला पदाधिकारी अनुग्रह नारायण सिंह, प्रभारी पुलिस अधीक्षक मनीषा बेबी, जिला विधिक सेवा प्राधिकार की सचिव तान्या पटेल, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह, विधि संघ अध्यक्ष विजय कुमार पांडेय सहित अनेक न्यायिक एवं प्रशासनिक पदाधिकारी उपस्थित रहे। संचालन अधिवक्ता अभिनंदन कुमार ने किया। सचिव
तान्या पटेल ने स्वागत भाषण में लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डाला। संजय कुमार सिंह (अधिवक्ता संघ अध्यक्ष) ने कहा कि “असहमति को सहमति में बदलना ही राष्ट्रीय लोक अदालत का असली उद्देश्य है।” मनीषा बेबी (प्रभारी पुलिस अधीक्षक): ने बताया कि नोटिस की तामिली और वादों का निस्तारण सहज तरीके से संपन्न हुआ। अनुग्रह नारायण सिंह (प्रभारी डीएम) ने बताया कि न्याय की प्रक्रिया को सुगम बनाने में समन्वय सबसे अहम है।राज कुमार (जिला जज) ने कहा कि पुराने विवादों को दरकिनार कर समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 2132 मामलों का निपटारा किया गया। इसमें 3 करोड़ 81 लाख 1 हजार 880 रुपये का समझौता कराया गया। प्रमुख निस्तारित मामले इस प्रकार रहे— मोटर दुर्घटना से संबंधित मामले – 5, समझौता राशि 30 लाख रुपये, पारिवारिक मामले – 21, आपराधिक सुलहनीय मामले – 324, अनुमंडल न्यायालय से संबंधित मामले – 708, बैंक ऋण से जुड़े मामले – 764, टेलीफोन से संबंधित मामला – 01, परिवहन चालान – 309, राशि 8 लाख 35 हजार रुपये, विशेष रूप से पारिवारिक मामलों में रिकॉर्ड तोड़ निस्तारण हुआ, जिससे नागरिकों को राहत मिली। साथ ही मतदाता सूची संशोधन शिविर में दर्जनों नए नाम जोड़े गए और सुधार किए गए। लोक अदालत के साथ ही विधिक सेवा सदन में स्वास्थ्य जाँच शिविर का भी आयोजन किया गया। इसमें डॉ. रितेश कुमार के नेतृत्व में फार्मासिस्ट सुशिल कुमार और एएनएम अर्चना कुमारी, ज्योति कुमारी, शोभा कुमारी, कुसुम कुमारी, पूनम कुमारी द्वारा शुगर, बीपी, हीमोग्लोबिन की जाँच की गई और दवाइयाँ वितरित की गईं। इस आयोजन को सफल बनाने में उप मुख्य विधिक सेवा प्रतिरक्षा प्रणाली के अधिवक्ता अभिनंदन कुमार, सहायक अधिवक्ता रंधीर कुमार, चंदन कुमार मिश्रा, तकनीकी टीम एवं कई स्वयंसेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। राष्ट्रीय लोक अदालत ने न केवल न्याय और विवादों का समाधान किया, बल्कि समाज में सद्भाव, सहयोग और विधिक जागरूकता का संदेश भी प्रसारित किया।



