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राष्ट्र गुणगान यात्रा ने शुक्रवार को सदर प्रखंड के कई गांवों का भ्रमण कर किया चौपाल का आयोजन।

जमुई

जमुई- नेचर विलेज के संस्थापक निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में चल रही राष्ट्र गुणगान यात्रा ने शुक्रवार को सदर प्रखंड के कई गांवों का भ्रमण कर वहां चौपाल का आयोजन किया। यह यात्रा खेरी, खड़गौड़, उगनीचक, पुतेरिया, अमरथ, भगवना और संथु सहित आधा दर्जन से अधिक गांवों से होकर गुज़री, जहां स्थानीय किसानों, मजदूरों, महिलाओं और युवाओं से निर्भय प्रताप सिंह ने सीधा संवाद स्थापित किया। प्रत्येक चौपाल में उन्होंने

सबसे पहले देश की आज़ादी और स्वाभिमान की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर योद्धाओं और वीरांगनाओं को श्रद्धांजलि अर्पित की। निर्भय प्रताप ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्याबाई होलकर और छत्रपति शिवाजी जैसे महानायकों के अदम्य साहस और राष्ट्रप्रेम को याद करते हुए कहा कि इन महापुरुषों और वीरांगनाओं ने जिस भारत का सपना देखा था, उसे साकार करना आज भी हम सबका कर्तव्य है। उन्होंने

कहा कि इन वीरों के बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता, क्योंकि यही बलिदान हमारी आज़ादी और आत्मसम्मान की नींव है। निर्भय प्रताप ने जोर देकर कहा कि सच्ची स्वतंत्रता तब दिखाई देगी जब हम उनके अधूरे सपनों को पूरा करेंगे और राष्ट्र निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका निभाएंगे। हर नागरिक को अपने क्षेत्र में ईमानदारी से काम कर देश के विकास में योगदान देना चाहिए। स्वदेशी अपनाने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने ग्रामीणों से विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने और देश में निर्मित वस्तुओं को प्राथमिकता देने की

अपील की। उनका कहना था कि स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि आत्मनिर्भर भारत का सपना भी साकार होगा। चौपाल के दौरान निर्भय प्रताप सिंह ने ग्रामीणों की समस्याएं धैर्यपूर्वक सुनीं और उनके समाधान पर गंभीर चर्चा की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक परिदृश्य को बदलने की ज़रूरत है। एक ही व्यक्ति या एक ही परिवार का बार-बार सत्ता में आना लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए स्वस्थ संकेत नहीं है। उन्होंने चेताया कि जब तक राजनीति में नए विचार और नई पीढ़ी को मौका नहीं मिलेगा, तब तक देश का आर्थिक विकास बाधित रहेगा। राष्ट्र गुणगान यात्रा के इस पड़ाव ने ग्रामीणों में नई ऊर्जा और जागरूकता का संचार किया। लोग न केवल देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति गर्व से भर उठे, बल्कि स्वदेशी को बढ़ावा देने और बेहतर राजनीति के निर्माण के प्रति भी प्रेरित हुए। निर्भय प्रताप सिंह की इस पहल को गांव-गांव में लोगों का उत्साहपूर्ण सहयोग और समर्थन मिल रहा है, जिससे यात्रा का उद्देश्य और अधिक सशक्त होता दिखाई दे रहा है।

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