नरेंद्र मोदी एवं उनकी माता जी के विरुद्ध अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के खिलाफ जमुई जिले में कानूनी कार्रवाई शुरू।
जमुई झाझा

जमुई- दरभंगा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव के साझा मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी माता जी के विरुद्ध अभद्र और अमर्यादित भाषा का प्रयोग किए जाने के खिलाफ जमुई जिले में कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। गुरुवार को अधिवक्ता सतीशचन्द्र गुप्ता की ओर से व्यवहार न्यायालय जमुई में एक परिवाद दायर किया गया। वाद की जानकारी देते हुए वादी पक्ष के अधिवक्ता बृजनन्दन सिंह ने बताया कि इस मुकदमे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी
यादव और वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। इसके अलावा 100 अज्ञात समर्थकों को भी अभियुक्त की श्रेणी में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के साथ मंच साझा करने वाले समर्थकों ने भी अभद्र नारेबाजी और गालियां दी थीं, जिससे करोड़ों भारतीयों की भावनाएं आहत हुई हैं। अधिवक्ता सिंह ने स्पष्ट किया कि इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 17 सितंबर निर्धारित की गई है। परिवाद भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(1)(2), 62, 356, 351 और 553 के तहत दर्ज कराया गया है। इन
धाराओं में संज्ञेय अपराधों का प्रावधान है। उन्होंने आरोप लगाया कि दरभंगा के मंच से जानबूझकर प्रधानमंत्री और उनकी माता जी को अपमानित करने वाली भाषा का प्रयोग किया गया, जो भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। यह घटना न केवल प्रधानमंत्री के सम्मान को ठेस पहुँचाने वाली है, बल्कि पूरे देशवासियों की भावनाओं को झकझोर देने वाली है। वादी पक्ष ने कहा कि नरेंद्र मोदी भारत के लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने गए प्रधानमंत्री हैं और देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर
आसीन व्यक्ति एवं उनके परिवार के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग असहनीय है। ऐसे कृत्य से समाज में अशांति फैल सकती है, इसलिए न्यायालय से कड़ी कानूनी कार्रवाई की अपेक्षा की गई है। इस मामले को लेकर जमुई जिले के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग इसे राजनीतिक मर्यादा और शिष्टाचार की सीमा लांघने वाली घटना मान रहे हैं।




