नेचर विलेज के संस्थापक निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई राष्ट्र गुणगान यात्रा शनिवार को बरहट प्रखंड क्षेत्र के गाँवों में पहुँची।
जमुई

बरहट/जमुई- नेचर विलेज के संस्थापक निर्भय प्रताप सिंह के नेतृत्व में शुरू हुई राष्ट्र गुणगान यात्रा शनिवार को बरहट प्रखंड क्षेत्र के आधा दर्जन गाँवों बरहट, दोबटिया, तमकुलिया,पेंघी और भरकऊआ सहित अन्य गाँवों में पहुँची।यात्रा के दौरान ग्रामीणों ने पुष्पवर्षा कर गर्मजोशी से स्वागत किया। बच्चों, महिलाओं और युवाओं ने भी
बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और राष्ट्रभक्ति के इस संदेशवाहक अभियान से स्वयं को जोड़ा।यात्रा के दौरान निर्भय प्रताप सिंह ने ग्रामीण चौपाल लगाकर लोगों को संबोधित किया।उन्होंने राष्ट्र गुणगान यात्रा की अब तक की उपलब्धियों और इसके मूल उद्देश्य को साझा करते हुए कहा कि राष्ट्र की रक्षा सर्वोपरि है,और इसके लिए स्वच्छ राजनीति तथा ईमानदार जनप्रतिनिधि आवश्यक हैं।उन्होंने साफ कहा कि आज लोकतांत्रिक व्यवस्था में वंश और विरासत की राजनीति एक अभिशाप बन चुकी
है। स्वतंत्रता के बाद भी देश के कई हिस्सों में संघर्ष की राजनीति के बजाय वंशवाद का बोलबाला है।उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जमुई सहित प्रदेश के कई जिलों की राजनीति में अब भी परिवार और वंश की पकड़ मजबूत है।इस कारण जमीनी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता।उन्होंने कहा कि संघर्षशील व्यक्ति
ही वास्तविक रूप से जनता की समस्याओं को समझ सकता है और ऐसे ही नेता राष्ट्र का सही नेतृत्व कर सकते हैं।निर्भय प्रताप सिंह ने युवाओं को राष्ट्र की असली ताकत बताया।उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की गाथाओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाना जरूरी है ताकि उनमें देशप्रेम और त्याग की भावना विकसित हो सके।युवाओं को नेतृत्व क्षमता को अपनाना होगा,क्योंकि वही आने वाले समय में राष्ट्र की धरोहर और भविष्य हैं।चौपाल में किसानों की समस्याओं पर भी चर्चा हुई।सिंह ने कहा कि
विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी को अपनाना ही राष्ट्रहित में है।उन्होंने ग्रामीणों से आह्वान किया कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में हर वर्ग को अपनी सक्रिय भूमिका निभानी होगी।राष्ट्र गुणगान यात्रा जहाँ-जहाँ पहुँची, वहाँ वातावरण राष्ट्रभक्ति के गीतों, नारों और जयकारों से गूंज उठा। ग्रामीणों ने इस यात्रा को सिर्फ एक आंदोलन नहीं, बल्कि राष्ट्र जागरण का उत्सव बताया।




