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दिव्यांग होने के बावजूद दिया रक्त, समाज के लिए बने प्रेरणा, पुत्र रत्न प्राप्ति पर पेश की मानव सेवा की मिसाल।

जमुई

जमुई- मानवता और सेवा का जज़्बा किसी शारीरिक कमी से नहीं रुकता—इसका प्रेरक उदाहरण जमुई के मलयपुर निवासी स्वर्गीय सुधीर कुमार पांडे के पुत्र मंटू कुमार पांडेय ने पेश किया। पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद, पुत्र रत्न प्राप्ति के शुभ अवसर पर उन्होंने रक्त अधिकोष, जमुई में रक्तदान कर समाज के सामने निस्वार्थ सेवा का संदेश दिया।

उनका यह कदम न केवल मानव सेवा का प्रतीक है बल्कि यह भी दर्शाता है कि सच्ची खुशी दूसरों की भलाई में है। इस अवसर पर रक्तदान कार्यक्रम प्रबोध जन सेवा संस्थान के सहयोग से सम्पन्न हुआ।

मंटू पांडेय को इस कार्य के लिए प्रेरित करने में संस्थान सहयोगी शिवजीत सिंह की अहम भूमिका रही। वहीं कार्यक्रम में संस्थान सहयोगी सचिन रॉयल और राहुल कुमार भी उपस्थित रहे।

सामाजिक कार्यकर्ता कुमार सुदर्शन सिंह ने कहा, “मंटू पांडेय ने साबित कर दिया है कि दिव्यांगता कभी भी सेवा कार्य में बाधा नहीं बन सकती। उनका साहस और समर्पण समाज के लिए प्रेरणा है। हम बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।” संस्थान के सचिव सुमन सौरभ ने कहा, “रक्तदान जीवन बचाने का सबसे बड़ा उपहार है। मंटू पांडेय ने यह दिखाया कि सच्ची खुशी वही है जो दूसरों के काम आए। उनका यह कदम पूरे समाज के लिए प्रेरणादायी है।”इस विशेष अवसर पर किया गया रक्तदान न केवल एक बच्चे के जन्म के साथ जुड़े उत्सव को और अर्थपूर्ण बनाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि मानवता और निस्वार्थ सेवा ही जीवन का वास्तविक उद्देश्य है।

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