
लखीसराय – स्थानीय स्तर पर आयोजित एक जागरूकता कार्यक्रम में शुक्रवार 12 सितंबर को विभिन्न धर्मगुरुओं ने बाल विवाह के खिलाफ कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह न केवल कानूनन अपराध है बल्कि यह समाज के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। धर्मगुरुओं ने स्पष्ट किया कि कम उम्र में विवाह से बच्चों
के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर गंभीर असर पड़ता है। इससे न केवल उनका बचपन छिन जाता है, बल्कि शिक्षा और भविष्य की संभावनाएँ भी समाप्त हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे विवाह से मातृत्व और शिशु स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ता है। कार्यक्रम में धर्मगुरुओं ने यह भी संकल्प लिया कि यदि कहीं भी बाल विवाह जैसी घटना की जानकारी मिलेगी तो इसकी सूचना तुरंत पुलिस प्रशासन को दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस
अवसर पर मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं ने समाज को अच्छी दिशा देने के लिए पहल करने वाले विकासार्थ ट्रस्ट का आभार जताया। उन्होंने कहा कि “समाज को सही राह दिखाना और नई पीढ़ी को शिक्षित करना ही हमारा कर्तव्य है। बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करना हम सबकी जिम्मेदारी है।” धर्मगुरुओं ने सामूहिक रूप से यह संदेश दिया कि समाज तभी प्रगति कर सकता है जब बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं को पूरी तरह समाप्त किया जाए। उन्होंने युवाओं और अभिभावकों से अपील की कि वे शिक्षा और जागरूकता को प्राथमिकता दें।




