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देशभक्ति की नई अलख जगाने और स्वदेशी के महत्व को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से जमुई जिले में लगातार दस दिनों से तिरंगा यात्रा का आयोजन।

जमुई

जमुई- देशभक्ति की नई अलख जगाने और स्वदेशी के महत्व को घर-घर तक पहुंचाने के उद्देश्य से जमुई जिले में लगातार दस दिनों से तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इस यात्रा ने आज एक आंदोलन का रूप ले लिया है। हर गली, हर मोहल्ला, हर गांव तिरंगे की शान में रंगा दिखाई दे रहा है। युवा, महिला, पुरुष और बच्चे

उत्साहपूर्वक अपने-अपने घरों से निकलकर इस यात्रा का हिस्सा बन रहे हैं। यात्रा का नेतृत्व निर्भय प्रताप सिंह कर रहे हैं, जिन्होंने विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और केवल स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाते हुए कहा कि यह कदम न केवल राष्ट्र की आर्थिक मजबूती में सहायक होगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में भी बड़ा

योगदान देगा। निर्भय प्रताप सिंह ने यात्रा के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम स्वदेशी उत्पादों को अपनाएंगे, तब देश की पूंजी देश में ही रहेगी। इससे गांव-गांव में नए रोजगार सृजित होंगे, युवा स्वरोजगार से जुड़ेंगे, महिलाएं आत्मनिर्भर बनेंगी और किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि हमारी जमीन से पैदा होने वाले अनाज और फसलों को विविध रूपों में

बदलकर स्थानीय बाजारों में बेचने से न केवल पलायन रुकेगा, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। यात्रा के दौरान जगह-जगह गूंजते नारे और देशभक्ति से भरे गीत माहौल को और भी उत्साहपूर्ण बना रहे हैं। यही जोश और जज़्बा आज जमुई की धरती पर दिखाई दे रहा है। दस दिनों में यह तिरंगा यात्रा लगभग 200 किलोमीटर की पदयात्रा कर चुकी है और अब तक 50 हज़ार से अधिक लोग इससे जुड़ चुके हैं। यात्रा ने जिले के गांव-गांव तक पहुंचकर स्वदेशी अपनाने और देश की गरिमा

बढ़ाने का संदेश दिया है। बुधवार को यह यात्रा जमुई प्रखंड के आगरा, बरबट्टा, चौडिहा, आमिन और अभयपुर गांवों में पहुंची, जहां पूर्व मुखिया चंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने तिरंगा यात्रा का जोरदार स्वागत किया और पूरे मनोयोग से सहयोग भी किया। हर गली-कूचे से तिरंगे की शान में आवाज बुलंद हुई। निर्भय प्रताप सिंह ने कहा कि हर व्यक्ति के दिल में अपने वतन के लिए जज़्बा और गर्व का भाव होता है। लोग हमेशा यह चाहते हैं कि किसी न किसी रूप में वे देश के काम आएं। इसी जज्बे को जीवंत करने के लिए वह गांव-गांव जाकर युवाओं, महिलाओं और बुजुर्गों को तिरंगे के सम्मान और स्वदेशी के महत्व के लिए जागरूक कर रहे हैं। इस यात्रा में समाजसेवी नंदलाल सिंह, रमन कुमार सिंह, रंजीत कुमार यादव, राहुल कुमार सिंह, पुरुषोत्तम कुमार सिंह, रणवीर शर्मा, विकास कुमार भगत, प्रवीण कुमार सिंह, डोमन मांझी, विजय रजक और राकेश कुमार पासवान सहित कई जनप्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। वहीं, महिलाओं में गीता भारती, सपना कुमारी, दुर्गा कुमारी, शोभा कुमारी, इंदु देवी, बिंदु देवी, कालू कुमारी, काजल कुमारी, काजल शर्मा, निभा देवी, विभा देवी, सकीना प्रवीण और अंजना पांडेय ने अपने दल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यात्रा का नेतृत्व किया। अब यह साफ दिख रहा है कि स्वदेशी अपनाओ–विदेशी भगाओ का नारा केवल एक विचार नहीं, बल्कि नई क्रांति का सूत्रपात है। पूरा जमुई तिरंगे की शान में एक स्वर से गूंज रहा है और यह यात्रा जिले में जनजागरण का ऐतिहासिक अध्याय बनती जा रही है।

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