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बोइतामारी (बोंगाईगांव, असम) में आयोजित दो दिवसीय बहु-विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कुणाल ने चमकाया नाम।

जमुई

जमुई – गुवाहाटी विश्वविद्यालय से संबद्ध इंदिरा गांधी कॉलेज, बोइतामारी (बोंगाईगांव, असम) में आयोजित दो दिवसीय बहु-विषयक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत समापन हुआ। शिक्षा 4.0 तकनीकी रूप से संचालित दुनिया में सीखने के भविष्य की दिशा विषय पर केंद्रित इस संगोष्ठी का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया गया।

इस कार्यक्रम में देश-विदेश के प्रख्यात शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और विद्यार्थियों ने शिक्षा के बदलते स्वरूप और आधुनिक तकनीकी विकल्पों पर अपने शोधपत्र और विचार प्रस्तुत किए। जमुई जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड के चिनबेरिया गांव के शोधार्थी कुणाल कुमार ने इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेकर जिले का नाम रोशन किया। कुणाल, जो वर्तमान में होली मिशन लक्ष्मीपुर में शिक्षक हैं, को उनके शोधपत्र के लिए बेस्ट पेपर प्रेजेंटेशन अवॉर्ड (तृतीय स्थान) से सम्मानित किया गया। कुणाल ने

अपने शोध में शिक्षा 4.0 के संदर्भ में तकनीकी नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर महत्वपूर्ण तथ्य प्रस्तुत किए, जिसे निर्णायकों ने सराहा। संगोष्ठी में भारत के 16 राज्यों से आए प्रतिभागियों ने करीब 300 शोधपत्र ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में सोशल साइंस के डीन डॉ. बनाजीत शर्मा, डॉ. बेंजाना चक्रवर्ती और डॉ. कारपेबिसेकिया जैसे शिक्षाविदों ने शिक्षा के भविष्य पर गहन चर्चा की। वहीं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, वेद-उपनिषद और एजुकेशन 5.0 जैसे विषयों पर शोधपत्र प्रस्तुत किए गए। भार्गव फाउंडेशन फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन, धनबाद ने सहयोगी संस्था के रूप में विशेष भूमिका निभाई। फाउंडेशन के सीईओ अभिषेक कुमार ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अमृता श्रीवास्तव, रीना कुमारी, तान्या कुमारी, मनीष कुमार और लक्की कुमार का योगदान सराहनीय रहा। इस उपलब्धि पर कुणाल कुमार को जमुई के शिक्षाविदों और स्थानीय लोगों ने बधाई दी। उनका कहना है कि कुणाल की यह सफलता जिले के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

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