बिहार में बढ़ती राजनीतिक गर्मी, खगड़िया और गया की जनसभा में बोले प्रशांत किशोर— नवंबर के बाद नीतीश का जाना तय, तेजस्वी पर भी साधा निशाना।
खगड़िया

खगड़िया(संवाददाता)- बिहार में अगले विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही सियासी बयानबाज़ी तेज़ हो गई है। जनसुराज यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर (पीके) ने खगड़िया और गया जिलों में आयोजित जनसभाओं में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों पर तीखे हमले बोले। सभा में उमड़ी भीड़ से उत्साहित पीके ने दावा किया कि नवंबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विदाई तय है। उन्होंने
कहा— “जिसको उम्मीदवार बनाना है बना लें, लेकिन हारना सबका तय है। बिहार की जनता अब बदलाव के लिए तैयार है।” पीके ने आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा— “तेजस्वी सवाल पूछते हैं, लेकिन पहले यह बताना चाहिए कि आपके मां और पिताजी ने 15 साल के शासन में बिहार को गर्त में क्यों पहुंचाया। जब आप 3 साल के लिए डिप्टी सीएम बने तो आपने भी लूट का राज चलाया। आप न पढ़ाई में अच्छे, न खेल में, न ही अब जनता की उम्मीदों पर खरे उतरे।” उन्होंने व्यंग्य
करते हुए कहा— “पहले हमलोग जानते थे कि तेजस्वी यादव होशियार नहीं हैं। फिर पता चला कि क्रिकेट भी बढ़िया नहीं खेलते। अब जानकारी मिली कि डांस भी अच्छा नहीं करते।” पीके के इस बयान पर सभा में मौजूद लोगों ने ठहाके लगाए। गया की जनसभा में उमड़ी भीड़ से गदगद पीके ने कहा कि बिहार की असली ताकत जनता है। उन्होंने कहा— “प्रशांत किशोर कोई क्रांति नहीं ला रहे। असली ताकत जनता में है। जनता हनुमान की तरह है, जिसे अपनी शक्ति का एहसास नहीं था। हम केवल जामवंत की तरह जनता को उसकी ताकत याद दिला रहे हैं। आज जनता को अपनी असली शक्ति का एहसास हो गया है और यही बदलाव की शुरुआत है।” सभा में जब भाजपा नेता दिलीप जायसवाल ने उनकी तारीफ की तो पीके ने सख्त लहजे में जवाब दिया— “चाहे दिलीप जायसवाल जितनी भी तारीफ कर लें, लेकिन उन्हें छोड़ेंगे नहीं। अगर जनसुराज की सरकार बनी तो 100 सबसे भ्रष्ट नेता और अफसर जेल में होंगे।” उन्होंने साफ कहा कि उनकी राजनीति किसी व्यक्ति या पार्टी को केंद्रित नहीं है, बल्कि बिहार को नए रास्ते पर ले जाने के लिए है। पीके ने अपने भाषण में कहा कि बिहार की राजनीति लंबे समय से जातिवाद और परिवारवाद के चक्रव्यूह में फंसी हुई है। जनता अब इस सिस्टम से आज़ादी चाहती है। उन्होंने दावा किया कि जनसुराज यात्रा के ज़रिए उन्हें गाँव-गाँव से अपार समर्थन मिल रहा है और यही आने वाले समय में राजनीति की दिशा तय करेगा। खगड़िया और गया दोनों जगहों पर हुई सभाओं में आसपास के गाँवों और कस्बों से बड़ी संख्या में लोग जुटे। सभा स्थल खचाखच भरा हुआ था और लोगों में प्रशांत किशोर को सुनने की उत्सुकता साफ़ झलक रही थी। कार्यक्रम के अंत में पीके ने कहा— “यह लड़ाई किसी व्यक्ति या दल से नहीं है, बल्कि बिहार के बेहतर भविष्य के लिए है। आने वाला बिहार जनता की ताकत से नया रास्ता चुनेगा।”




