
औरंगाबाद- जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सभागार में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत (National Lok Adalat) की तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री संदीप सिंह और श्री प्रदीप चंद्रा ने की।
बैठक का मुख्य उद्देश्य न्यायालय में अधिक से अधिक सुलहनीय वादों के निस्तारण को सुनिश्चित करना और पीठ लिपिकों एवं कार्यालय लिपिकों को उनकी भूमिका के प्रति सक्रिय करना था। बैठक में यह जोर दिया गया कि लिपिक न्यायालय के सबसे निकट होते हैं और मुवकिलों को मार्गदर्शन एवं सहयोग प्रदान करना उनकी जिम्मेदारी है।
अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री संदीप सिंह ने कहा कि, “मुवकिलों के सबसे निकट आप लोग होते हैं। न्यायालय में आने वाले पक्षकारों को मार्गदर्शन एवं सहयोग देना आप सबकी जिम्मेदारी है। राष्ट्रीय लोक अदालत में अधिक से अधिक वादों का निस्तारण आपके सामूहिक प्रयास से ही संभव है।” उन्होंने लिपिकों से अपील की कि जिन मामलों में नोटिस भेजे गए हैं, उन मामलों से जुड़े मुवकिलों को राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व को समझाते हुए निस्तारण के लिए प्रेरित करें। वहीं, श्री प्रदीप चंद्रा ने कहा कि, “न्यायालय से जुड़े अधिक से अधिक मामलों का निपटारा हमारा सामूहिक दायित्व है। इसके लिए हम सभी को पहल करनी होगी।” उन्होंने लिपिकों से यह भी कहा कि वे एवार्ड और पंचाट की प्रतियां अपने पास रखें ताकि सुलह योग्य वादों के निस्तारण में मुवकिलों को विश्वास दिलाया जा सके। बैठक में उपस्थित सभी पीठ लिपिकों और कार्यालय लिपिकों ने राष्ट्रीय लोक अदालत में सहयोग का आश्वासन दिया। इस बैठक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया गया कि आने वाले राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लंबित वादों का समाधान तेजी से और प्रभावी ढंग से किया जा सके। इस बैठक ने न्यायालय और मुवकिलों के बीच संवाद को और सशक्त बनाने का उद्देश्य रखा, ताकि समाज में न्याय की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और प्रभावी रूप से लागू हो सके।



