अनंत चतुर्दशी परभक्तजनों ने दोपहर तक व्रत धारण कर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया।
जमुई गिद्धौर

गिद्धौर/जमुई- गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न गांवों में शनिवार को अनंत चतुर्दशी भक्तिपूर्ण माहौल में मनाया गया। उलाई नदी के तट पर अवस्थित ऐतिहासिक मां दुर्गा मंदिर में पुरोहित उत्तम कुमार झा के नेतृत्व में भक्तजनों ने दोपहर तक व्रत धारण कर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा अर्चना कर प्रसाद ग्रहण किया। पुरोहित श्री झा ने बताया कि भक्तिपूर्ण माहौल में अनंत चतुर्दशी के दिन
श्रद्धा भक्ति के साथ भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से श्रद्धालुओं की सारी मनोकामनां पूर्ण होती हैं। उन्होंने बताया कि जब महाभारत काल में पांडव अपना सारा राज-पाट जुए में हार कर वनवास के दौरान कष्टदायक जीवन व्यतीत कर रहे थे। तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को अनंत चतुर्दशी का व्रत करने को कहा। उस समय युधिष्ठिर ने अपने सभी भाइयों एवं द्रौपदी के साथ श्रद्धा
भक्ति और विधि-विधान के साथ अनंत चतुर्दशी का व्रत किया। ऐसा बताया जाता है की इस अनंत चतुर्दशी का व्रत करने का बाद पांडव एवं द्रौपदी वनवास के दौरान कष्टकारी जीवन एवं विभिन्न संकटों से मुक्त हो गयी थी। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को मनाया जाता है। अनंत पूजा को लेकर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न धर्मस्थान समेत अन्य मंदिरों में व्रतधारी महिलाओं एवं पुरूषों की सुबह से भीड़ देखी गई। श्रद्धालु सुशांत
साईं सुंदरम, स्वागत गुप्ता, डॉली कुमारी, हरदेव ठाकुर सहित अन्य श्रद्धालुओं ने पूरे नियम निष्ठा के साथ भगवान अंनत की पूजा अर्चना की। अनंत पर्व भगवान विष्णु को प्रसन्न करने वाला तथा अनंत फलदायक माना जाता है। इस पर्व का खास महत्व यह है कि इस दिन श्रद्धालु नमक रहित उपवास रखते हैं तथा अनंत व्रत की कथा सुनते हैं। इसके बाद व्रतधारी अपने परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस पर्व में श्रद्धालु अनंत भगवान की पूजा कर अपने सुख समृद्धि के लिए 14 गांठ वाले अनंत सूत्र को अभिमंत्रित कर अपने दाहिने हाथ में बांधते हैं। महिलाएं अपने बाए हाथ पर अनंत सूत्र बांधती हैं। अनंत चतुर्दशी का सनातन धर्म में विशेष महत्त्व है। ऐसी मान्यता है कि इस पर्व से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूरी होती है तथा सभी प्रकार के दुखों से मुक्ति मिलती है।




