
चकाई (जमुई)। चकाई प्रखंड अंतर्गत माधोपुर पंचायत के चोरकट्टा गांव में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) की ओर से दलित चौपाल का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष रामाधीन पासवान ने की, जबकि बतौर मुख्य अतिथि युवा रालोजपा नेता यशराज पासवान एवं दलित सेना प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार साहा उपस्थित रहे।
चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का उद्देश्य दलित समाज की समस्याओं को सीधे जनता के बीच रखकर जागरूकता फैलाना और सरकार की नीतियों की समीक्षा करना था।
युवा रालोजपा नेता यशराज पासवान ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार में दलित समाज के साथ अब तक केवल छलावा किया गया है। आज भी दलित बस्तियों की हालत बदतर है। उन्होंने कहा—“न सड़क बनी, न शिक्षा की व्यवस्था सुदृढ़ हुई, और न ही स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर हो सकीं। सांसद और मंत्री होने के बावजूद दलित समाज विकास से वंचित है।”
उन्होंने कहा कि दलित चौपाल के माध्यम से पार्टी पूरे बिहार में दलित एवं श्रवण जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को जागरूक कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वोट देने से पहले सोचें कि अब तक विकास के नाम पर केवल खानापूर्ति हुई है। यशराज पासवान ने कहा कि 2025 के विधानसभा चुनाव में दलित समाज मिलकर सूबे की नीतीश सरकार को उखाड़ फेंकेगा। उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे दलित समाज का इस्तेमाल केवल अपने स्वार्थ के लिए करते हैं। बिहार में आए दिन दलित बहन-बेटियों के साथ अपराध हो रहा है, लेकिन बड़े नेता चुप रहते हैं या बात कहकर पलट जाते हैं। ऐसे नेताओं को अब सबक सिखाना होगा। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दलित सेना प्रदेश अध्यक्ष घनश्याम कुमार साहा ने कहा कि आज दलित समाज पर अत्याचार लगातार बढ़ रहा है। नीतीश सरकार दलितों का सिर्फ शोषण करना जानती है और वोट बैंक के लिए उनका इस्तेमाल करती है। उन्होंने कहा कि दलित बस्तियों में सड़क, पुलिया, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं अब भी कोसों दूर हैं। शराबबंदी कानून का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि “सरकार ने दलितों को जेल में भर दिया है, जबकि असली कारोबारी खुलेआम घूम रहे हैं और अरबों-खरबों कमा रहे हैं।”इस अवसर पर बिंदेश्वरी पासवान ने कहा कि दलित समाज आज भी गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा है। रहने के लिए पक्का मकान, सड़क और रोजमर्रा की आवश्यक सुविधाएं अब भी एक सपना बनी हुई हैं।दलित चौपाल में प्रखंड अध्यक्ष गजेन्द्र पासवान, बिंदेश्वरी पासवान, शंकर पासवान, राजकुमार पासवान, भरत मांझी, सुरेश मांझी, रत्न मांझी, रुदौ रजक, पिंटू रजक, अशोक रजक, जुगल रजक, राजकिशोर रजक, मो. रफीक अंसारी, मो. सफीक अंसारी, मो. नूर अंसारी, मो. ताहिर अंसारी, लक्ष्मण दास सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और कार्यकर्ता शामिल हुए। कार्यक्रम का समापन सरकार की दलित विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष और दलित समाज को जागरूक करने के संकल्प के साथ हुआ।




