
पटना (सुजीत कुमार)- राज्य भर के स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं कर्मियों ने शनिवार को गर्दनीबाग, पटना में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह विरोध सरकार के खिलाफ नहीं बल्कि अपने अधिकारों की मांग को लेकर किया गया।
स्वच्छता पर्यवेक्षकों ने बताया कि सरकार की चिट्ठी में उन्हें संविदा कर्मी कहा गया है। वहीं, ग्रामीण विकास विभाग की ओर से यह भी कहा गया कि स्वच्छता पर्यवेक्षक एवं स्वच्छता कर्मी केवल दो घंटे कार्य करते हैं, इसलिए इन्हें अंशकालिक माना जाता है।
धरना में शामिल कर्मियों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि वास्तविकता इसके विपरीत है। उनका कहना है कि उन्हें प्रतिदिन सुबह वार्डवार निरीक्षण करना पड़ता है, WPU केंद्र पर कचरा पृथक्करण का काम देखना होता है, डोर-टू-डोर रिपोर्ट बनानी पड़ती है और कई रजिस्टर भरने पड़ते हैं।
इतना ही नहीं, स्वच्छता पर्यवेक्षकों को अतिरिक्त जिम्मेदारियां भी दी जाती हैं, जिनमें आयुष्मान कार्ड बनवाना, एससी-एसटी शिविर देखना, राशन कार्ड से जुड़ा काम, राजस्व कार्य, BLO का काम तथा प्रखंड स्तर पर चुनावी ड्यूटी जैसी जिम्मेदारियां शामिल हैं। इन सभी कार्यों के लिए विभागीय आदेश भी प्रखंड स्तर से जारी होते हैं।
धरना में शामिल स्वच्छता पर्यवेक्षक सचिन कुमार (संग्रामपुर पंचायत, चांदन प्रखंड) ने कहा कि सरकार अब उनकी मांगों पर क्या कदम उठाती है, यह देखने की बात होगी।




