
कैमूर- स्थानीय महाविद्यालय में दीक्षारंभ कार्यक्रम का आयोजन उत्साहपूर्वक किया गया। कार्यक्रम की संयोजक मनोविज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. सीमा सिंह एवं दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. सोनल थीं। मंच संचालन डॉ. सोमेश शशि एवं डॉ. संगीता सिंह ने किया। कार्यक्रम का
शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर एनएसएस की छात्राओं ने सरस्वती वंदना, कुलगीत एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किया। प्राचार्य ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कॉलेज की विशेषताओं की जानकारी दी और 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होने की बात दोहराई। इसके
बाद सभी विभागों के 11 विद्यार्थियों को मंच पर बुलाकर तिलक व माल्यार्पण कर प्रतिनिधि स्वरूप स्वागत किया गया। संयोजक डॉ. सीमा सिंह ने विद्यार्थियों को अनुशासन व उपस्थिति की शपथ दिलाई। परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेश प्रसाद ने विश्वविद्यालय की परीक्षा संबंधी नियम, नामांकन प्रक्रिया एवं समय सारिणी की
जानकारी दी। डॉ. बंशीधर उपाध्याय ने खेलकूद एवं सेहत केंद्र की जानकारी दी, जबकि डॉ. अन्नपूर्णा गुप्ता ने एनएसएस से जुड़ने के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. अखिलेंद्र नाथ तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और प्राक परीक्षा केंद्र की जानकारी दी। डॉ. अजीत राय ने आरडीसी एवं इग्नू नामांकन प्रक्रिया से अवगत कराया। इस अवसर पर “वैदिक पुनरुत्थान से सांस्कृतिक सशक्तिकरण तक: भारतीय गिरमिटिया मजदूरों के लिए आर्य समाज का योगदान” विषय पर आगामी 25-26 सितंबर 2025 को होने वाले अंतरराष्ट्रीय सेमिनार के पोस्टर का विमोचन भी किया गया। डॉ. सोमेश शशि ने पुस्तकालय एवं ई-लाइब्रेरी की सुविधा की जानकारी दी। कार्यक्रम का प्रतिवेदन डॉ. आशीष कुमार दुबे एवं डॉ. भूपेंद्र शुक्ला ने तैयार किया। अंत में डॉ. नेयाज अहमद सिद्दीकी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी तथा लगभग 400 छात्र-छात्राएँ मौजूद रहे। राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।




