भौराटांड स्थित उलाय नदी में अवैध रूप से बालू उत्खनन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम को करना पड़ा ग्रामीणों के आक्रोश का सामना।
गिद्धौर जमुई

गिद्धौर जमुई- थाना क्षेत्र के भौराटांड स्थित उलाय नदी में अवैध रूप से बालू उत्खनन की सूचना पर कार्रवाई करने पहुंची पुलिस टीम को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। सरकारी आदेश पर जांच करने गई पुलिस टीम पर आरोपियों ने धक्का-मुक्की की, गाली-गलौज किया और बालू लदे ट्रैक्टर को लेकर फरार हो गए।
पुलिस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, गिद्धौर थाना में पदस्थापित पुलिस पदाधिकारी राजेश्वर साह 31 जुलाई को सुबह 10 बजे अपने सहकर्मियों गृह रक्षक सूरज कुमार चौधरी और सीताराम गोंझी के साथ गश्ती पर निकले थे। शाम लगभग 4:55 बजे मिंटो टावर के पास उन्हें थानाध्यक्ष गिद्धौर द्वारा सूचना मिली कि भौराटांड स्थित उलाय नदी से अवैध रूप से बालू की खुदाई की जा रही है।
सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए टीम कैराकादो स्कूल के पास पहुंची, जहां एक महिंद्रा ट्रैक्टर (रजिस्ट्रेशन संख्या बीआर46जीए1841) को देखा गया, जिसमें ऊपर मिट्टी और नीचे बालू लदा हुआ था। पुलिस बल द्वारा ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन चालक ने स्थानीय ग्रामीणों एवं परिजनों को बुला लिया। इसके बाद उन्होंने पुलिस टीम से बहस, गाली-गलौज और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। पुलिस द्वारा बार-बार समझाने के बावजूद आरोपी ट्रैक्टर को थाने ले जाने को तैयार नहीं हुए। भीड़ का फायदा उठाकर वे ट्रैक्टर को ट्रेलर समेत लेकर फरार हो गए।
घटना की जांच में सामने आया कि उक्त ट्रैक्टर योगेन्द्र यादव, निवासी कैराकादो, गिद्धौर का था। उसके बेटे चंदन यादव (चालक), डब्लू यादव, रविन्द्र यादव, राम यादव समेत 8-10 अन्य ग्रामीणों ने मिलकर पुलिस के सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न की और जब्त ट्रैक्टर को छुड़ाकर भगा दिया। इस घटना को लेकर गिद्धौर थाना में भारतीय दंड संहिता की धारा 353, 186, 504, 506, 379, 147, 149, 120बी आदि के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच का जिम्मा पुलिस पदाधिकारी रामधारी महतो को सौंपा गया है। पुलिस अब आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी अभियान चला रही है।




