औरंगाबाद में पीके ने कहा – जनता का आक्रोश है मंत्रियों का विरोध, मोदी-राहुल की लड़ाई में बिहार नहीं पड़ेगा।
औरंगाबाद

औरंगाबाद- जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) ने रविवार को औरंगाबाद में जनसभा को संबोधित करते हुए बिहार सरकार और महागठबंधन पर करारा प्रहार किया। हाल के दिनों में जगह-जगह मंत्रियों के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर तंज कसते हुए पीके ने कहा कि यह जनता का आक्रोश है। उन्होंने कहा – “इन मंत्रियों ने पटना की सड़कों पर जनता को लाठी-डंडों
से पिटवाया था। अब वही जनता उन्हें दौड़ा रही है। यह विरोध किसी पार्टी का प्रायोजित आंदोलन नहीं, बल्कि जनता की नाराज़गी है, जिसे अब दबाया नहीं जा सकता।” महागठबंधन के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर पीके ने कहा कि बिहार की जनता मोदी और राहुल गांधी की लड़ाई में नहीं पड़ना चाहती। उन्होंने सवाल उठाया – “बिहार के लोग यह जानना चाहते हैं कि हमारे बच्चों को रोजगार कब मिलेगा? राज्य से पलायन कब खत्म होगा? आखिर कब तक बिहार के नौजवान रोज़गार के लिए पंजाब, दिल्ली और गुजरात की फैक्ट्रियों में मज़दूरी करने को मजबूर रहेंगे?” पीके ने कहा कि महागठबंधन के नेता असली मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए बेवजह बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि बिहार की जनता विकास और अवसर चाहती है।प्रशांत किशोर ने हाल ही में बिहार आए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन और तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा – “इन नेताओं का बिहार आना इस बात का प्रमाण
है कि इंडिया गठबंधन की नजर में बिहार की क्या इज्जत है। जिन राज्यों के नेता यहां की संस्कृति और समस्याओं से परिचित भी नहीं हैं, उन्हें बिहार लाकर मंच पर बैठाया जा रहा है। यह बिहारियों का अपमान है।” उन्होंने युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे ऐसे नेताओं का बहिष्कार करें और असली मुद्दों – शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और पलायन – पर सवाल उठाएँ।इन्होंने जनता से सीधे जुड़ाव की अपील करते हुए कहा उनकी जन सुराज यात्रा का मकसद जनता को जागरूक करना है। “आज जरूरत इस बात की है कि बिहार के लोग जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपने भविष्य के बारे में सोचें। जिस दिन जनता असली मुद्दों पर सवाल करना शुरू कर देगी, उसी दिन बिहार बदल जाएगा।”




